बरेली (उत्तरप्रदेश)
कांग्रेस और तीसरे मोर्चे ने लडाई से पहली ही मान ली हार : मोदी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव की मुहिम परवान चढ़ने से पहले ही कांग्रेस, तीसरे मोर्चे तथा अन्य दलों ने हार माननी शुरू कर दी है। इसलिये स्थिर सरकार ना बने, इसकी माला फेरने में लगे हैं।
मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि चुनाव आते ही कांग्रेस को गरीबों की याद आने लगती है। वह ‘गरीब-गरीब’ की माला फेरने में जुट जाती है, लेकिन सोने का चम्मच लेकर पैदा होने वाले लोग गरीबों का दर्द क्या समझेंगे। कांग्रेस, तीसरा मोर्चा और अन्य दल अपनी पराजय स्वीकार कर चुके हैं। इसलिए स्थिर सरकार न बनने देने के लिए सभी ‘फंडे’ अपनाए जा रहे हैं।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि केन्द्र की कांग्रेसनीत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी गोदामों में बेकार पड़ा गेहूं गरीबों में नहीं बांटा बल्कि उस गेहूं को 80-90 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से शराब माफिया को बेच दिया गया।
उन्होंने कहा, कांग्रेस ने बरेली को भुला दिया, रायबरेली को याद रखा। पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र को क्या मिला, सभी जानते हैं। अब बरेली में झुमका नहीं ‘सबका’ गिरेगा। ‘स’ मतलब सपा, ‘ब’ मतलब बसपा और ‘का’ मतलब कांग्रेस है। ‘सबका’ सफाया जरूरी है। इनकी विदाई सभी मिलकर करें। मोदी ने बरेली की नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश करते हुए कहा कि इस शहर में पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होने वाले मांझा के करीब 10 हजार कारीगर बदहाल हैं। गुजरात में बरेली का मांझा इस्तेमाल होता है। बरेली के मांझा के बगैर गुजरात की पतंग अधूरी है।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में उनके कार्यभार संभालने के वक्त पतंग का कारोबार 35 करोड़ रुपये का था। अब वह 500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
मोदी ने कहा कि भाजपा में जब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित हो रहा था तब कांग्रेस और उसके सहयोगी दल कह रहे थे कि इस पर भाजपा में घमासान होगा। नाम घोषित होते ही प्रचार शुरू किया कि कोई सहयोगी नहीं मिलेगा, लेकिन उत्तर से लेकर दक्षिण तक दर्जन भर नए साथी भाजपा को मिल चुके हैं। इसलिये कांग्रेस और संप्रग नेता अस्थिरता पैदा करने में लगे हैं लेकिन यह हथकंडे काम नहीं आएंगे।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव तथा उनके कुनबे पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हमसे शेर मांग रहे थे। हमने सोचा कि इसको देखकर से उनमें दम आ जाएगा। लेकिन गुजरात के शेर को संभालना उनके बस का रोग नहीं है। इसलिए उन्होंने तय किया है कि इस शेर से डर लग रहा है इसको तो पिंजरे में ही रखना पड़ेगा। मोदी ने कहा नेताजी (मुलायम), आपके सुपुत्र (अखिलेश), बहूजी (डिम्पल) और भाई साहब…पूरा परिवार एक बार गीर के जंगलों में आइये, वहां शेर बेखौफ घूमता है। हमें उसे पिंजरों में नहीं बंद करना पड़ता। गुजरात का शेर शेरदिल लोगों के साथ जीना चाहता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने देश को ‘जय जवान, जय किसान’ का मंत्र दिया था। एक जमाना था हिन्दुस्तान विदेशों से अनाज मंगवाता था। शास्त्री जी के आहवान पर किसानों ने इतना पसीना बहाया कि अन्न के भंडार भर दिए।