- दहेज की रोकथाम में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना प्रभावी-डाँ. रमन सिंह
- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 566 जोड़े विवाह बंधन में बंधे
अम्बिकापुर 03 मार्च 2014
मुख्यमंत्री डाँ. रमन सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले सामूहिक विवाह दहेज प्रथा की रोकथाम में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। यह योजना सामजिक समानता और सद्भाव को बढ़ाता है। मुख्यमंत्री ने आज सरगुजा संभाग के मुख्यालय अम्बिकापुर के पी.जी. काँलेज ग्राउण्ड अम्बिकापुर में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हुए सामूहिक विवाह समारोह में उक्त विचार व्यक्त किए। इस समारोह में 566 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्पन्न हुआ।
भव्य पंडाल, पराम्परागत रीति रिवाज और छत्तीसगढ़ की संस्कृतिमय प्रस्तुति तथा पारिवारिक एवं सामाजिक माहौल में महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में गरीब परिवारों को वैवाहिक जीवन में बंधने की खुशियां मिली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वैवाहिक जोड़ों और उनके परिजनों को हार्दिक शुभकामनायें देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह कार्यक्रम में शामिल होने से उन्हे हार्दिक खुशी होती है। एक साथ बहुत सी बेटियों को विदा करने में खुशी मिलती है। इस योजना ने अमीर-गरीब की सीमा को तोड़ते हुए सामाजिक सौहार्द व सदभाव पैदा किया है। सामूहिक विवाह योजना ने समाज की बुराई जैसे दहेज प्रथा, लेन-देन आदि को भी समाप्त करने में भूमिका निभाई है। उन्होंने नवदम्पतियों को बधाई देते हुए कहा कि इस योजना में आप सबको बधाई देने प्रदेश के मुखिया सहित सभी वर्गो के लोग शामिल हुए हैं। डाँ. सिंह ने इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि नवदम्पति विवाह के पश्चात बेहतर भविष्य की शुरूआत करें और छत्तीसगढ़ के विकास मंे भागीदार बने। उन्होंने कहा कि नवदम्पति हम दो हमारे दो के लक्ष्य का भी पालन करें।
इस अवसर पर गृह, जेल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैंकरा ने कहा कि गरीब की बेटियों का विवाह कराना पुण्य का काम है। गरीबों को अपने बच्चों के विवाह के लिए कर्जदार न होना पड़े, इसलिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शुरू की गई है। उन्होंने सभी धर्मो के विवाहित जोड़ों को नए जीवन की शुभकामनाएं देते हुए खुशहाली से जीवन यापन करने का आर्शीवाद दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा नेताम ने नव विवाहितों को बधाई देते हुए कहा कि प्रशासन की पहल सराहनीय है। परम्परागत शादियों में होने वाली फिजूल खर्ची एवं समय को ध्यान में रखते हुए गरीब कन्याआो का सामूहिक विवाह एक अनुकरणीय पहल है। कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने वैवाहिक जोड़ो को बधाई देते हुए कहा कि शासन की सभी योजनाओं में से यह एक महत्वपूर्ण योजना है। मुख्यमंत्री की मंशानुरूप गरीब कन्याओं का विवाह करना समाज के लिए एक अनूठी मिशाल है। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि इस योजना से गरीब परिवारों को शादी के लिए कर्ज लेकर ऋण में जीवन जीने की आवश्यकता नहीं होगी।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में ईसाई एवं हिन्दू धर्म के विधि-विधान के तहत विवाह सम्पन्न कराया गया। सामूहिक विवाह में 453 जोडों का विवाह हिन्दू रीति-रिवाज से, 113 जोडों का विवाह ईसाई रीति-रिवाज से सम्पन्न कराया गया। नव विवाहितों को श्रृंगार सामग्री, वस्त्र, गृहस्थ सामग्री सहित अन्य सामग्री उपहार स्वरूप प्रदान की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री डी.एस.मराबी ने बताया कि इस योजना के तहत सामूहिक विवाह कार्यक्रम सम्पन्न कराने प्रति जोड़ा 15 हजार रूपये की राशि निर्धारित है। इसमें से वर-वधु के लिए वैवाहिक आभूषण, श्रृंगार एवं अन्य सामग्री, वैवाहिक पोशाक, बर्तन, पेटी, आलमीरा, टेबल पंखा एवं 4 हजार 652 रूपए का चेक शामिल हैं।
इस अवसर पर सांसद श्री जे.पी. नड्डा, पूर्व मंत्री श्री रामविचार नेताम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश जायसवाल, महापौर श्री प्रबोध मिंज, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री अनिल सिंह मेजर, श्री अनुराग सिंहदेव, श्री बाबूलाल अग्रवाल, श्री अखिलेश सोनी, कमिश्नर डाॅ. बी.एस. अनंत, पुलिस महानिरीक्षक श्री टी.जे. लांगकुमरे, पुलिस अधीक्षक श्री सुन्दरराज पी., महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और आमजन उपस्थित थे।