एक इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी शिक्षकों को एक टूर पर ले जाने के लिए एक हवाई जहाज में बैठाया गया। जब सभी शिक्षक बैठ गए तो पायलट ने बड़ी ही ख़ुशी से घोषणा की, ‘आप सभी गणमान्य शिक्षकों को यह जानकर खुशी होगी कि जिस प्लेन में आप बैठे हैं उसे आप ही के कॉलेज के होनहार विद्यार्थियों ने बनाया है।’
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बस फिर क्या था। इतना सुनते ही सभी शिक्षक इस डर से नीचे उतर गए कि कहीं उड़ान भरते ही विमान दुर्घटनाग्रस्त ना हो जाए, लेकिन प्रिंसिपल साहब बैठे रहे। यह देख पायलट उनके पास गया और उनसे पूछा, ‘सर, सभी टीचर अपने विद्यार्थियों का नाम सुनते ही डर कर उतर गए लेकिन आप क्यों नहीं उतरे? क्या आपको डर नहीं लग रहा है?’
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प्रिंसिपल ने जवाब दिया, ‘मुझे
अपने कॉलेज के शिक्षकों के निकम्मेपन और उससे भी ज्यादा अपने विद्यार्थियों की नालायकी पर भरोसा है। देख लेना यह प्लेन स्टार्ट ही नहीं होगा!’