आपको वर्कहॉलिक लत तो नहीं है, जानिए क्या हैं इसके लक्षण

लाइफस्टाइल डेस्क. लोगों को कई तरह का नशा होता है। इसमें एक नशा अत्यधिक काम करना भी है। यह प्रोफेशनल लाइफ के लिए एक बार अच्छा हो भी सकता है, लेकिन सोशल लाइफ और फैमिली के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। इसका स्वास्थ्य पर भी खराब असर होता है। वर्कहॉलिक लोगों को अपने ऑफिस के काम के अलावा और किसी जिम्मेदारी का अहसास नहीं हो पाता है। वे हर समय अपने काम के बारे में बात करते हैं और वही सोचते हैं। आमतौर पर कर्मचारी काम के दौरान कई बार परिवार और शॉपिंग के बारे में सोचते हैं, लेकिन वर्कहॉलिक लोग परिवार और शॉपिंग के बीच में भी काम के बारे में सोचते हैं।

 

कौन होते हैं वर्कहॉलिक?

काम और निजी जीवन में संतुलन बेहद जरूरी है। कुछ लोगों को सामाजिक और पारिवारिक जीवन से कोई लेना-देना नहीं होता। वे हमेशा सिर्फ ऑफिस के काम की ही चिंता करते हैं। ऐसे कर्मचारी वर्कहॉलिक होते हैं।

ऐसे होते हैं लक्षण

1-वर्कहॉलिक लोग हमेशा अपने काम की बात करते हैं। ये सबसे पहले अपने ऑफिस आते हैं, ताकि काम पर फोकस कर सकें और सबसे बाद में ऑफिस से निकलते हैं।

2-इनकी कोई हॉबीज नहीं होती है। न ये किताबें पढ़ते हैं और न ही गाना सुनते हैं। परिवार को भी समय नहीं देते हैं। ये घर पर भी हमेशा ऑफिस के फोन तथा काम में ही व्यस्त रहते हैं।

3-वर्कहॉलिक कर्मचारी हमेशा अपने   काम का तनाव लेते हैं। इन्हें टीम वर्क पर यकीन नहीं होता है और खुद ही अकेले सभी बड़े प्रोजेक्ट्स करना चाहते हैं, ताकि उनकी तारीफ हो।

4-ये छुट्टियों पर बेहद कम जाते हैं और जब जाते भी हैं तो अपने काम से ही जुड़े रहते हैं। इनकी पर्सनल प्रायोरिटीज कुछ नहीं होती है। इससे इनकी फैमिली लाइफ डिस्टर्ब होती है।

5-ऐसे लोग अपने बॉस को किसी काम के लिए इनकार नहीं कर पाते। उनके परिवार या दोस्त उनसे कुछ कहते हैं तो वे उसे कभी हां नहीं कह पाते और अपने काम की दुहाई देते रहते हैं।

स्वास्थ्य पर असर

1-इन्हें माइग्रेन की समस्या हो सकती है। एक्सरसाइज की कमी के कारण इनके शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है।

2-इनका इम्यून सिस्टम वीक होता है। नींद कम आने से स्लीपिंग डिसऑर्डर होता है और थकावट भी होती है।

3-ये काम करते-करते चिढ़चिढ़े हो जाते हैं और अगर सफलता नहीं मिलती है तो तनाव में आ जाते हैं।

4-ऐसे कर्मचारियों को हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ जाता है। इनका ब्लड  प्रेशर भी सामान्य नहीं रह पाता।

5-डाइजेशन ठीक नहीं रहता है और पेट से जुड़ी समस्याएं होती रहती हैं।