श्रीदेवी और कमल हासन की फ़िल्म ‘सदमा’ का निर्देशन करने वाले बालनाथन बेंजामिन महेंद्र अब नहीं रहे.
74 साल की उम्र में उनका निधन चेन्नई में हुआ. बृहस्पतिवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
हालांकि उनका जन्म श्रीलंका में वर्ष 1939 में हुआ था लेकिन उन्होंने भारत को ही अपनी कर्मभूमि बनाया.
महेंद्र ना सिर्फ़ फ़िल्म निर्माता और निर्देशक थे, बल्कि पटकथा लेखक, संपादक और छायाकार के रूप में भी उन्होंने फ़िल्मी दुनिया को बहुत कुछ दिया.
लंदन विश्वविद्यालय से ऑनर्स डिग्री लेने के बाद उन्होंने भारत के फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान (एफ़टीआईआई) पुणे में सिनेमेटोग्राफ़र कोर्स में दाख़िला लिया.
पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद वर्ष 1971 में महेंद्र ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत मलयालम फ़िल्म ‘नेल्लू’ से की. उन्होंने इस फ़िल्म के लिए कैमरे की बागडोर संभाली.
केरल सरकार ने उन्हें इस फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ छायाकार का पुरस्कार दिया.
बालनाथन बेंजामिन महेंद्र के कैमरे की ख़ासियत थी- प्राकृतिक रोशनी का भरपूर इस्तेमाल.
महेंद्र ने तमिल, मलयालम, तेलुगू और हिंदी भाषा में 20 से अधिक फ़िल्में की.
उन्होंने तमिल सिनेमा को पुनर्जीवित किया. महेंद्र को पांच राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, तीन फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों के अलावा केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य सरकारों ने कई सम्मान प्रदान किए.
महेंद्र की ख़ूबी उनका कैमरे का काम, निर्देशन और संपादन था. उनकी हिंदी फ़िल्म ‘सदमा’ काफ़ी चर्चित और हिट थी.
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