पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का शुक्रवार को ऐलान कर दिया गया,जिसके लिए छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 11 और 19 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, वही अन्य राज्यों में मतगणना 8 दिसंबर को होगी,, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम में 25 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच एक चरण में मतदान होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री संपत ने आज यहां भीड़ भरे संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। चुनाव की घोषणा के साथ ही इन पांचों राज्यों में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी। संपत ने चुनाव कार्यक्रमों का ब्योरा देते हुए बताया कि इन पांच राज्यों में विधानसभा की कुल 630 सीटों पर 11 करोड़ मतदाता करीब 1,30,000 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। सभी जगहों पर मतदान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से होगा।
मप्र में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटों के लिए 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि 70 विधानसभा क्षेत्रों वाली दिल्ली और 40 सीटों वाली मिजोरम में 4 दिसंबर को मतदान होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर इन चुनावों में पहली बार मतदाताओं के लिए इनमें से कोई नहीं का विकल्प होगा। उच्चतम न्यायालय ने 27 सितंबर को अपने एक फैसले में मतपत्रों और ईवीएम में एनओटीए का विकल्प उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।वी एस संपत ने बताया कि ईवीएम मशीन में उम्मीदवारों की सूची के सबसे अंत में एनओटीए का बटन होगा जो मतदाता उपरोक्त उम्मीदवारों में से किसी को अपना वोट नहीं देना चाहते वे एनओटीए का बटन दबा सकते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ ही गुजरात और तमिलनाडु में एक एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव कराने की भी घोषणा की गयी। गुजरात की सूरत पश्चिम विधानसभा सीट और तमिलनाडु की येरकॉड सुरक्षित सीट के लिए 4 दिसंबर को मतदान होगा।
90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 35 सीटें एससी के लिए और 47 सीटें एसटी के लिए, मिजोरम में 40 में से 39 सीटें एसटी के लिए, राजस्थान में 200 सीटों में से 34 एससी के लिए और 25 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। जबकि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
चुनाव कार्यक्रमों के मुताबिक छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सीटों के लिए अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी की जाएगी। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर निर्धारित की गयी है। इसके अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी और 28 अक्टूबर तक नाम वापस लिये जा सकते हैं। मतदान 11 नवंबर को होगा।
छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण में 72 सीटों पर चुनाव के लिए अधिसूचना 25 अक्टूबर को जारी होगी। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 1 नवंबर निर्धारित की गयी है। इसके अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी और 4 नवंबर तक नाम वापस लिये जा सकेंगे । मतदान 19 नवंबर को होगा।
मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों के चुनाव के लिए अधिसूचना 1 नवंबर को जारी की जाएगी। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 8 नवंबर होगी। इसके अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी और उम्मीदवार 11 नवंबर तक नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 25 नवंबर को होगा।
राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के चुनाव के लिए अधिसूचना 5 नवंबर को जारी की जाएगी। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 12 नवंबर होगी। इसके अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच होगी और उम्मीदवार 16 नवंबर तक नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 1 दिसंबर को होगा।
इसी तरह 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में चुनाव के लिए अधिसूचना 9 नवंबर को जारी होगी। उम्मीदवार 16 नवंबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 18 नवंबर को होगी और 20 नवंबर तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। मतदान 4 दिसंबर को होगा।
मिजोरम की 40 सीटों के लिए अधिसूचना 9 नवंबर को जारी होगी। उम्मीदवार 16 नवंबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 18 नवंबर को होगी और 20 नवंबर तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। मतदान 4 दिसंबर को होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त संपत ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के ही एक और आदेश के तहत इस चुनाव में उम्मीदवारों को अपने शपथपत्र में सभी कॉलम को पूरा भरना होगा । वे कोई कॉलम खाली नहीं छोड़ सकते।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव में पर्याप्त संख्या में सामान्य पर्यवेक्षक, व्यय पर्यवेक्षक, पुलिस पर्यवेक्षक तैनात किये जाएंगे। इसके साथ ही पहली बार केंद्रीय जागरकता पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जा सके। पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान सभी प्रमुख घटनाओं की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इन पांचों राज्यों में फोटो युक्त मतदाता सूची और फोटो पहचान पत्र लगभग 99 से 100 फीसदी हैं।
उन्होंने बताया कि संशोधित मतदाता सूची के अनुसार इन पांच राज्यों में सर्वाधिक मतदाता मध्य प्रदेश में है जिनकी संख्या 4,6457724 है जबकि सबसे कम मतदाता मिजोरम में 6,86305 हैं । इसी तरह छत्तीसगढ़ में मतदाताओं की संख्या 1,67,96174 है । राजस्थान में 4,06,08056 और दिल्ली में 1,15,07113 मतदाता हैं।
संपत ने दोषी सांसदों की अयोग्यता के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य सभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा अधिसूचित किये जाने के बाद चुनाव आयोग रिक्तता की घोषणा करेगा। उन्होंने बताया कि फोटो युक्त मतदाता पर्ची मतदान से 3-4 दिन पहले आयोग के द्वारा मतदाताओं के घर पर उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उन्हें पता चल सके कि उन्हें किस मतदान केंद्र पर वोट डालना है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 4 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इसी तरह मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 12 दिसंबर, 15 दिसंबर, 31 दिसंबर और 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के चुनाव व्यय पर प्रभावी तरीके से निगरानी रखने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किये हैं जिनमें उड़नदस्तों का गठन, निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल, आयकर विभाग के जांच निदेशालयों की भागीदारी आदि शामिल हैं।
चुनाव खर्च की पारदर्शिता के लिए उम्मीदवारों को एक अलग बैंक खाता खोलना होगा और चुनावी खर्च के लिए लेन-देन उसी खाते से किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 4 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इसी तरह मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 12 दिसंबर, 15 दिसंबर, 31 दिसंबर और 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के चुनाव व्यय पर प्रभावी तरीके से निगरानी रखने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किये हैं जिनमें उड़नदस्तों का गठन, निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल, आयकर विभाग के जांच निदेशालयों की भागीदारी आदि शामिल हैं।
चुनाव खर्च की पारदर्शिता के लिए उम्मीदवारों को एक अलग बैंक खाता खोलना होगा और चुनावी खर्च के लिए लेन-देन उसी खाते से किया जाएगा।