रायपुर/14 फरवरी 2014।
मुख्यमंत्री डाँ. रमनसिंह द्वारा सरदार पटेल के सपने को साकार करने की बात कहे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सरदार पटेल का सपना धर्मनिरपेक्ष और सांप्रदायिक से मुक्त भारत का था। इस सपने को नरेन्द्र मोदी जैसे सांप्रदायिक व्यक्ति से भारत को मुक्त कराकर पूरा किया जा सकता है। यदि रमन सिंह सरदार पटेल के सपनों को पूरा करना चाहते हैं, मोदी मुक्त मुल्क बनाने के लिये काम करें। कांग्रेस के सिद्धांत और मूल्यों में सरदार पटेल की आजीवन आस्था रही। महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबंध लगाया था। सांप्रदायिकता के कट्टर विरोधी सरदार पटेल के नाम के साथ, सरदार पटेल के सपनो के साथ सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी नरेन्द्र मोदी का नाम जोड़ना उचित नहीं है। भाजपा डाँ. रमन सिंह और नरेन्द्र मोदी राजनैतिक स्वार्थ के चलते सरदार पटेल के नाम का दुरूपयोग कर इतिहास की इबादत को फिर से लिखना चाह रही है। देष के रहने वालो ने महात्मा गांधी, पं. नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद के नेतृत्व में जब आजादी की लड़ाई लड़ी तब संघ परिवार अंग्रेजों का पैरोकार बना रहा। आज किस मुंह से भाजपा के नेता सरदार पटेल के सपनों की बात करते हैं? सरदार पटेल जैसे कांग्रेस की अग्रिम पंक्ति के नेता और धर्म निरपेक्ष और सभी धर्मों के भाईचारे में विष्वास रखने वाले नेता के सपनों को सांप्रदायिक चरित्र के व्यक्तियों और संगठनों का नाम जोड़ना उचित नहीं है। सांप्रदायिक हिंसा के आरोपों से घिरे नरेन्द्र मोदी द्वारा सरदार पटेल के सपनो को पूरा करने की बात लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्मृति और उनके जीवन के अनुरूप नहीं है। सरदार पटेल से नरेन्द्र मोदी का नाम जोड़कर मुख्यमंत्री डाॅ. रमनसिंह अपनी सोच का परिचय दे रहे है। यदि रमन सिंह में वाकई सरदार पटेल के प्रति आदर होता तो वे भाजपा में नहीं होते। यदि वाकई में इन भाजपा नेताओं के मन में सरदार पटेल के प्रति श्रद्धा जागी है तो सबसे पहले वे सांप्रदायिकता फैलाने वाली राजनीति से अपने आप को दूर करने का फैसला ले। भाजपा के लिये यह संभव ही नहीं है क्योंकि भाजपा का मूल चरित्र ही धर्म से धर्म को और भाई से भाई को लड़ाना है।