रुड़की। आइआइटी के मैकेनिकल ब्रांच के छात्रों ने ब्रूजर नाम से ऐसी कार तैयार की है, जो ऊबड़ खाबड़ और रेतीले रास्तों में भी फर्राटा भरेगी। 10 हॉर्स पावर इंजन के साथ तैयार की गई कार का वजन 175 किलो है। छात्रों का दावा है कि यह कार एक लीटर पेट्रोल में करीब 40 किलोमीटर दौड़ेगी।
यह कार राष्ट्रीय प्रतियोगिता के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेगी। वर्ष 2014 में इंदौर स्थित पीथमपुर में प्रतियोगिता होनी है, जिसमें आइआइटी की ओर से तैयार ब्रूजर कार हिस्सा लेगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी आइआइटी के मेकैनिकल ब्रांच के छात्रों ने वन सीटर कार तैयार की है। इस बार कार में खास यह है कि इसका वजन सिर्फ 175 किलो है, जबकि अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज ने 250 किलो तक की कारें तैयार की हैं।
टीम लीडर आयुष जैन ने बताया कि कार को 50 से अधिक स्पीड पर चलाया जा सकता है। कार में एल्युमिनियम एलॉय का प्रयोग किया है, जिससे कार का वजन कम हुआ है। उन्होंने बताया कि कार के स्टेयरिंग के पास एलईडी और सेंसर लगाए गए हैं, ताकि अगर आगे-पीछे से कोई वाहन या कोई पत्थर समीप आता है तो सेंसर से तुरंत सूचना चालक को मिल जाएगी।
कार को तैयार करने में पांच लाख रुपये की लागत आई है। कार बनाने के लिए सामग्री चेन्नई, कोयंबटूर एवं कोरिया से मंगाई गई।
अप्रैल में तैयार किया डिजाइन: आइआइटी छात्रों ने बताया कि कार का डिजाइन अप्रैल 2013 में तैयार किया। सामग्री जुटाने के बाद सितंबर से कार बनाने का काम शुरू किया। कार का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब कुछ कमियों को दूर किया जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका भी जाएंगे-
इंदौर में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बाद एक प्रतियोगिता साउथ अफ्रीका में अक्टूबर 2014 में होने जा रही है। इस प्रतियोगिता में भी कार को मैदान में उतारने की तैयारी है।
कार बनाने वाली टीम-
कार बनाने वाली टीम में आइआइटी के मेकैनिकल ब्रांच के छात्र आयुष जैन, दिपांशु गुप्ता, हरित दीवान, सुक्रीत मित्तल, अमन गुप्ता, अर्पित शर्मा, मोक्षक गौतम, इशितित्व, हरीश महादासू, वर्णित जैन, अनंत पाठक व जूही कौशिक रहीं।
आइआइटी छात्रों की मानें तो इस तरह की कार राजस्थान के रेतीले इलाके और बीच जैसे स्थानों में प्रयोग होती हैं, जहां गाड़ी धंसने का अंदेशा रहता है। इस कार में लगे टायर अलग तरह के होते हैं जो फिसलते नहीं हैं।