अब मायावती की राह पर चल सकते है अखिलेश!..तो क्या इस विधानसभा चुनाव में बिखर जाएगा महागठबंधन का कुनबा?..

लखनऊ..देश मे तीन राज्यो में विधानसभा चुनाव होने है..और राजनैतिक दल चुनाव मैदान में उतरने जोड़ तोड़ की गणित बनाने में जुटे हुए है..चुनाव से पहले राजनैतिक दलों को उम्मीद है की उनको बेहतर जनाधार विधानसभा चुनावों में मिल सकता है..

बता दे की जिस तर्ज पर मायावती ने देश के महागठबंधन से अलग होकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की विरोधी पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से गठबंधन कर ..महागठबंधन को झटका दिया था..अब ठिक उसी तरह अखिलेश यादव भी महागठबंधन से अलग होकर मध्यप्रदेश चुनाव लड़ने की रणनीति बनाने के मूड में है..230 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन को सपोर्ट कर रही बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस से 30 से 35 सीटों की मांग की थी..पर कांग्रेस इस पर सहमत नही हुई..जिसका नतीजा यह निकला कि मध्यप्रदेश में बसपा ने 22 उम्मीदवारों का लिस्ट जारी कर दिया ..और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की विरोधी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से हाथ मिला लिया..

मायावती की राह पर निकले अखिलेश..

वही मध्यप्रदेश में ही महागठबंधन को समर्थन दे रही अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से 10 से 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात रखी थी..पर कांग्रेस से सपा की बात नही बनी..और अब सपा भी बसपा की राह पर आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश की सभी सीटों पर कांग्रेस को छोड़कर क्षेत्रीय सहयोगी राजनैतिक दलों के साथ चुनाव लड़ने के मूड में है..और सपा ने बाकायदा पार्टी के चुनाव लड़ने वाले इच्छुक उम्मीदवारो से आवेदन आमंत्रित करने की इच्छा जाहिर कर दी है..जिससे एक बार फिर मध्यप्रदेश कांग्रेस को झटका लग सकता है..
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों में सपा ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 2.5 फीसदी वोट हासिल किया था..तब पार्टी के सात उम्मीदवार जीतकर राज्य विधानसभा के सदस्य बने थे..तथा 2013 के विधानसभा चुनाव में सपा को मात्र 0.1 फीसदी वोट मिले थे..