सूरजपुर(पारसनाथ सिंह)..एक तरफ़ देश में स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है..सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनावाया जा रहा है..इसके लिए नित नए प्रयास भी किए जा रहे हैं..लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण सरकार का यह सपना साकार होता नहीं दिख रहा है..आज भी कुछ तस्वीरें ऐसी हैं जो प्रशासन के दावे को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं..लेकिन जिम्मेदार अधिकारीयों को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता…
दरसल सूरजपुर जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर दूर सरस्वतीपुर व् उसके आश्रित ग्राम रामपुर जो कागजों में तो पूर्ण रूप से ओडीएफ घोषित हो चूका है.. लेकिन यहाँ की ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही बयां कर रही है.. गांव के कुछ शौचालय ऐसे हैं जो आज भी आधे-अधूरे हैं.. कुछ शौचालय में गड्ढे नहीं हैं तो कुछ के गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं.. तो कुछ शौचालय में ढक्कन नहीं है.. और शौचालय नहीं बने हैं वो खुले में शौच जा रहे हैं.. जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है की यहाँ किस तरह स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है.. वहीँ ग्राम पंचायत के सचिव से पूछने पर कहते हैं की किसका शौचालय अधूरा है.. और बाद में खुद कहते हैं की हाँ कुछ शौचालय अधूरे हैं…
अगर कहीं शौचालय बने भी हैं तो समय से पहले क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उपयोग करने के लायक नहीं रह गए हैं.. ऐसी स्थिति होने के बावजूद आनन-फानन में सरस्वतीपुर पंचायत को खुले में शौच से मुक्त किये जाने की प्रशासन की घोषणा यहां के ग्रामीणों के समझ से परे है.. अच्छा होता कि सभी शौचालयों का निर्माण करा ग्रामीणों को इसके उपयोग के लिए जागरूक करने के बाद ओडीएफ घोषित किया जाता.. ऐसे में स्वच्छ भारत कार्यक्रम की परिकल्पना न केवल साकार होती.. बल्कि खुले में शौच को रोकने की दिशा में सामाजिक स्तर पर भी बेहतर परिणाम देखने को मिलता…
वहीँ इस संबंध में जिले के कलेक्टर के.सी.देवसेनापति ने कहा की जनपद सीईओ को अधूरे शौचालयों की जांच कर पूर्ण करानेे हेतु निर्देशित कराया जायेगा…