बीजापुर..वैसे तो बस्तर सम्भाग के अंतिम छोर पर बसा यह जिला नक्सल घटनाओं की वजह से प्रदेश में सुर्खियां में बना रहता है..पर इस बार यह जिला राजनीतिक कारणों से सुर्खियां बटोर रहा है..और उस लिहाज से चुनावी वर्ष में चुनावी समीकरण गड़बड़ाने के संकेत भी मिल रहे..
दरसल नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक मात्र विधानसभा सीट है..”भैरमगढ़” जहाँ से प्रदेश के वनमंत्री महेश गागड़ा विधायक है..वैसे इस सीट पर शुरू से ही कांग्रेस का वर्चस्व रहा है..लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह सीट भाजपा के पाले में है..
राजनीतिक जानकारों की माने तो प्रदेश में सत्ता की चाबी बस्तर और सरगुजा सम्भाग के विधानसभा सीटों को ही माना जाता है..और छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही यही वजह रही है की प्रमुख राजनैतिक दल इन क्षेत्रों में अपनी स्थिति को मजबूत करने तमाम तरह के दांव खेलने से भी नही हिचकिचाते है..
वही जिले में चुनावी चमक धमक का आगाज हो गया है..और कल सूबे के मुखिया डॉक्टर रमन अटल विकास यात्रा के तहत जिले के प्रवास पर पहुँचने वाले है..लेकिन सीएम प्रवास के ठिक एक दिन पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है..लगभग 2 दर्जन से अधिक लोगो ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में उप नेता विपक्ष कवासी लखमा के समक्ष कांग्रेस का दामन थाम लिया है..कांग्रेस प्रवेश करने वाले लोगो के मुताबिक़ वे पहले भाजपा के लिए काम किया करते थे..लेकिन कुछ समय से उन्हें क्षेत्रीय भाजपा नेताओं ने उपेक्षा का शिकार बना लिया था..तब से वे कांग्रेस प्रवेश की रणनीति बना रहे थे..और आज उन्होंने कांग्रेस प्रवेश कर लिया है…
फिलहाल कभी नक्सल घटनाओं की दंश झेल कर चर्चा में बने रहने वाले बस्तर संभाग से राजनैतिक दलों को बहुत सी उम्मीदे रहती है..और इस सम्भाग की 12 विधानसभा सीटे प्रदेश में हुकूमत करने में अहम भूमिका अदा करती है..लिहाजा चुनावी साल में इस क्षेत्र से कई चौकाने वाली राजनैतिक खबरे मिलने के आसार है..