रायपुर। दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते हुए ओपी चैधरी ने जिस भूमि घोटाले को कथित रूप से अंजाम दिया है उसमें चार आइएएस अफसरों की भूमिका संदेह के दायरे में आती दिख रही है। ओपी चैधरी उस समय कलेक्टर थे तो दंतेवाड़ा के वर्तमान कलेक्टर तब वहीं एसडीएम पदस्थ थे। नीरज कुमार बंसोड़ जिला पंचायत के सीईओ थे। बताया जा रहा है कि नीरज ने ही जमीन अदला-बदली का प्रस्ताव दिया था, कलेक्टर ओपी चैधरी ने उस प्रस्ताव को आगे एसडीएम सौरभ कुमार को फारवर्ड किया। सौरभ ने प्रक्रिया आगे बढ़ाई और निजी भूमि के बदले बेशकीमती सरकारी जमीन के आवंटन का खेल पूरा कर लिया गया। आम आदमी पार्टी ने इस मामले को उठाया तो जमीन घोटाले के इस मामले की परतें उधड़नी शुरू हो गईं। आप नेताओं के पास उपलब्ध दस्तावेजों से पता चलता है कि इस पूरे प्रकरण में चार आइएएस अफसरों की भूमिका है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर ने बताया कि ओपी चैधरी के दंतेवाड़ा से हटने के दस दिन बाद केसी देवसेनापति ने भूमि हस्तांतरण का आर्डर जरूर निकाला लेकिन इसकी फाइल ओपी के कार्यकाल में फाइनल हो चुकी थी। ज्ञात हो कि दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते हुए ओपी चैधरी ने 3.67 एकड़ निजी भूमि के बदले मेन रोड पर चार व्यवसायियों को 23 डिसमिल जमीन दे दी जिस पर शॉपिंग काम्पलेक्स बना है। भूमि की अदला-बदली का यह मामला आदिवासी हाईकोर्ट लेकर गए। हाईकोर्ट ने मामले की जांच करने को कहा और एक लाख जुर्माना भी लगाया। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जांच नहीं की गई। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने की वजह से जांच रूकी हुई है। अब ओपी चैधरी तो आइएएस से त्यागपत्र देकर भाजपा नेता बन चुके हैं लेकिन इस मामले में शामिल तीन अन्य अफसर अब भी छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में कलेक्टर हैं। इस मुद्दे ने तूल पकड़ा तो इसकी जांच की जद में चारों अधिकारी आएंगे। आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर ओपी चैधरी को दंतेवाड़ा भूमि घोटाले पर बहस करने के लिए आमंत्रण भेजा है। आप संयोजक संकेत ठाकुर ने 14 सितंबर को दोपहर 1 बजे रायपुर प्रेस क्लब में मीडिया के सामने भूमि घोटाले की चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि हमारा लक्ष्य भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति है। दंतेवाड़ा भूमि घोटाले से उपजी राजनीतिक धुंध को साफ करना हमारी और आपकी साझी जिम्मेदारी है।