सतना: “हम अकेले ही चले थे मंजिल की तरफ” “लोग आते गए कारवां बनता गया” यह लाइनें सतना के लालगांव के युवाओं पर सटीक बैठ रही है.. अनोखी पहल करके गांव के युवाओं ने वह काम कर दिखाया है जो स्वच्छ समाज के लिये नज़ीर बन गई है.. छुट्टी पर घर आए सेना के एक जवान की पहल पर गांव के युवा एकत्र हुये,, और गांव की बजबजाती नालियां, कूड़ा कचरे से भरी गलियों की सफाई में जुट गये.. सफाई के नाम पर स्वच्छता अभियान में फोटो शेसन कराते तश्वीरें आपने बहुत देखी होगी, लेकिन जिस बदबूदार कीचड़ से पटी नालियों को स्वीपर साफ करने से कतराते थे गांव के युवा उन्हें साफ कर रहे है.. यही नहींकसबे की गंदगी भी साफ करने का संकल्प लेचुके है ।
क्या है पूरा मामला:
सब कुछ सरकार करे, सरकार नकारा है, यह सरकार जिम्मेदारी है, हमारे समाज में यह जुमले अक्सर सुनने को मिलते है, सतना के अमरपाटन स्थित लालगांव के युवाओं ने इन जुमलों को उलट सार्थक काम किया है, जम्मू कश्मीर के सोफिया सेक्टर बटालियन में पदस्थ सेना का जवान विकास चौरसिया दो माह की छुट्टी पर लालगांव आया है, कूड़े कचरे से पटी गांव की गलियां और बदबूदार बजबजाती नालियां से गांव का वातावरण प्रदूषित था, जवान ने सरपंच, सचिव और एसडीएम से शिकायत की लेकिन नतीजा सिफर ही रहा, लिहाजा देश की सरहद में दुश्मनों का सफाया करने वाले सेना के जवान ने गांव की गंदगी साफ करने का संकल्प लेते हुये कुछ गांव के युवाओं को राजी किया!
फावड़ा तगड़ी ट्रेक्टर का इंतजाम किया और सफाई अभियान में जुट गया, पहले तो गांव की सड़क और गलियों को सफाई की फिर बदबूदार बजबजाती नालियों की सफाई में जुट गये, हाथ मे झाड़ू लेकर स्वच्छता अभियान फोटो खिंचाते नेताओ को आपने खूब देखा होगा लेकिन सेना के जवान विकास के साथ गांव के युवाओ को वास्तविक सफाई करते आपने पहली बार देखा होगा, एक तरफ लालगांव के युवाओं की अनोखी पहल स्वच्छ समाज के लिये उदाहरण है, वहीं नकारे नौकरशाही के गाल पर करारा तमाचा है, सेना का जवान विकास चौरसिया गांव के साथियो के साथ दो दिन से सफाई में जुटा है, विकास का कहना है कि अगर साथियो ने साथ दिया तो हम पूरे अमरपाटन कस्बे की सड़क नाली साफ कर देंगे, वही गांव के युवा अपने साहसी जवान विकास के संकल्प की तारीफ करते हुए हर घड़ी साथ देने की बात कह रहे है !
पहल का क्या होरहा असर:
लालगांव के युवाओं की पहल का डंका धीरे धीरे पूरे सतना जिले में बजने लगा है, अपनी करतूत से शर्मसार लालगांव के सरपंच और सचिव मुंह छिपाते भाग रहे है और स्थानीय प्रशासन के अफसर जवाबदेही से बचते हुये नदारत हो गए है, बहरहाल लालगांव के युवाओं की स्वच्छ समाज बनाने की कोशिश ने दिखा दिया कि इच्छाशक्ति से हर समस्या को हल किया जा सकता है, हर समस्या पर सरकार को कोसकर छोड़ा नही जा सकता…..”कौन कहता है आसमान में सुराख नही हो सकता” “एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो” लालगांव के युवाओं ने यह साबित कर दिया है ।