अम्बिकापुर.. सरगुजा रेंज के आई जी हिमांशु गुप्ता के निर्देशानुसार जिले के विभिन्न थानों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अनुसंधान सेल का गठन कर लंबित मामलों के निराकरण की मुहिम शुरू हो गई है..जिसकी मॉनिटरिंग सरगुजा के पुलिस कप्तान सदानन्द कुमार कर रहे है..इसी कड़ी में जिले के सीतापुर थाने में दर्ज सेंट्रल बैंक में धोखाधडी कर राशि आहरण के मामले के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार करने मे सफलता हासिल की है..
दरसल वर्ष 2016 में सीतापुर थाने में सेंट्रल बैंक में पदस्थ रहे विकास आनन्द के द्वारा फर्जी खाता खोलकर 25 लाख रुपये गबन करने के सम्बंध में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी..और पुलिस ने अपनी जांच के बाद विकास आनन्द को आरोपी मानते हुए उसके विरुद्ध धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर उसकी पतासाजी में जुटी हुई थी..वही रेंज आईजी हिमांशु गुप्ता के निर्देश के बाद इस लंबित अपराध के निराकरण का जिम्मा विशेष अनुसंधान सेल को सौपा गया था..जिसकी मॉनिटरिंग कप्तान सदानन्द स्वयं कर रहे थे..इस दौरान पुलिस ने आरोपी विकास आनन्द का लोकेशन ट्रेस कर लिया..और टीम बनाकर उसे बुराड़ी नई दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया..
कोर बैंकिंग में आई तकनीकी खामी का उठा रहा था फायदा..
पुलिस अधीक्षक सदानन्द कुमार ने बताया कि आरोपी विकास आनन्द पिता जनार्दन प्रसाद मूलतः बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का निवासी है..और वर्ष 2010 से 2012 के दौरान सेंट्रल बैंक में पदस्थ इसी बीच कोर बैंकिंग सिस्टम की शुरुआत की गई थी..लेकिन कोर बैंकिंग सिस्टम में तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर विकास आनन्द के द्वारा बैंक पुराने खाता धारकों के नाम पर खाता खोलकर हतानांतरित राशियों को अपने खाते में स्थानांतरित कर लेता था..इस प्रकार आरोपी द्वारा 25 लाख का फर्जीवाड़ा सीतापुर सेंट्रल बैंक में किया था.. यही नही आरोपी द्वारा दीपमाला कुजूर के नामपर फर्जी बैंक खाता भी खोल गया था..
आडिट में खुलासा..
बता दे की मामले का खुलासा तब हुआ जब सेंट्रल बैंक मुख्यालय नासिक (महाराष्ट्र)के द्वारा बैंक का आडिट कराया गया..जिसके बाद बैंक में हुए धोखाधड़ी की जानकारी सीतापुर सेंट्रल बैंक को दी गई..और फिर बैंक मैनेजर ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की..
ऐसे पकड़ में आया आरोपी..
आरोपी विकास आनन्द का सीतापुर से नासिक ट्रांसफर हुआ था..और आरोपी ने वहां भी सेंट्रल बैंक के विभिन्न शाखाओं में पदस्थ रहते हुए 67 लाख 92 हजार का चूना बैंक को लगाया था..जिस पर बैंक प्रबंधन ने विभागीय जांच करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया था..तथा तब से आरोपी अपना पता बदलकर रहने लगा था..वही सरगुजा सायबर सेल की टीम ने उसका शोशल मीडिया के नए प्रोफ़ाइल से लोकेशन ट्रेस किया था..
फिलहाल पुलिस गिरफ्त में आये बैंक के पूर्वकर्मी को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है..इस कार्यवाही में विशेष अनुसंधान सेल प्रभारी उपनिरीक्षक प्रियेश जान,प्रधान आरक्षक पन्नालाल,आरक्षक अरविंद उपाध्याय, निरंजन बड़ा,सिटी कोतवाली और क्राइम ब्रांच से उपनिरीक्षक चेतन चंद्राकर, संजीव चौबे,भोजराज पासवान शामिल थे..