- प्रशासन के पास कार्रवाई का समय नही
- सरकारी डाक्टर भी चला रहे अवैध क्लीनिक
जांजगीर चांपा (संजय यादव) राज्य सरकार ने भले ही मरीजो के हित को देखते हुए नर्सिग होम एक्ट लागू कर दिया है, लेकिन अभी भी ग्रामीण इलाके के लोग झोलाछाप डाॅक्टरों के चंगुल मे फंसकर धीमे जहर का शिकार हो रहे है।
बीते माह जिले के बीएमओ ने तकरीबन दर्जनों क्लीनिकों मे छापेमारी कर बंद कराया था,बावजूद इसके ये दुकानें फिर से गुपचुप तरीके से चल रही है। जिस पर नकेल कसने स्वास्थ्य अमला उदासीन नजर रहा है,लिहाजा एक फिर से झोलाछाप डाक्टरों सक्रिय है।
नर्सिंग होम एक्ट का नही हो रहा पालन…
नर्सिग होम एक्ट केा लागु हुए आत चार साल हो गए ,इस एक्ट के प्रावधानों के तहत एमबीबीएस डांक्टर बिना लाइंसेस के प्राइवेट क्लीनिक का संचालन नही कर सकते,इतना ही नही छोटी डिग्री रखने वाले डाक्टर क्लीनिक खोलकर इलाज नही कर सकते।
बन्द नही हो रही झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान…
इस एक्ट के दायरे मे सरकारी डाक्टरों को भी रखा गया है इसके बाउजुद जिले के ग्रामीण अंचलो मे झोलाछाप डाक्टरों की दुकानदारी बंद नही हो रही है। झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कारवाई नही हो रही हैं। यही वजह है कि गांव से लेकर कस्बो में कई ऐसी दुकाने चल रही है, जहाँ सुबह से लेकर रात तक मरीजे की भीड़ लगी होती है,सूत्रों की माने तो जिले में ऐसे दर्जनो क्लीनिक है जिनका पंजीयन नही है फिर भी बिना पंजीयन के संचालित हो रहे है।