सीतापुर अनिल उपाध्याय : लड़की बचाओ,लड़की पढ़ाओ के इस दौर में सरगुजा विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से परेशान एक छात्रा ने बी एस सी नर्सिंग प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षा आयोजित कराने उच्च शिक्षामंत्री छः ग शासन को ज्ञापन सौंप मदद की गुहार लगाई है।इससे पूर्व भी छात्रा ने पूरक परीक्षा आयोजित कराने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंप सहयोग माँगा था किंतु वहाँ से भी मायूसी हाथ लगने से मजबूर छात्रा ने उच्च शिक्षामंत्री को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की माँग की है।
प्राप्त जानकारी अनुसार गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से संबद्धित मदर टेरेसा नर्सिंग महाविद्यालय अम्बिकापुर की छात्रा कु खुशमारेन खाखा आ ज्वाकिम खाखा ने सन 2010 में नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा दी थी जिसमे वो दो विषय मे पूरक आ गई थी।कुछ दिनों बाद गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के विभाजन के बाद अस्तित्व में आये सरगुजा विश्वविद्यालय द्वारा पूरक परीक्षा आयोजित कराया जाना था किन्तु विश्वविद्यालय ने पूरक परीक्षा आयोजित कराये बिना ही मनमानी पूर्वक परीक्षा में पूरक आई छात्रा को द्वितीय वर्ष की परीक्षा में बैठने की पात्रता दे दी।छात्रा ने बगैर पूरक परीक्षा आयोजित कराये विश्वविद्यालय के इस निर्णय पर सवाल खड़े किये थे किंतु प्रबंधन ने पूरक परीक्षा आयोजित कराने का झाँसा दे छात्रा को मना लिया था।इसके बाद छात्रा ने सन 2011,12 एवं 13 में द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ की परीक्षा पास कर ली।इस बीच छात्रा ने पूरक परीक्षा आयोजित कराने विश्वविद्यालय समेत सम्बंधित संस्थानों से अपनी माँग जारी रखी लेकिन छात्रा की माँग एक सिरे से खारिज होती चली गई।बी एस सी नर्सिंग प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षा नही होने से छात्रा को रोजगार के अवसर उपलब्ध नही हो पा रहे है वही अपनी बेटी की परेशानी देख सदमे में आये पिता को लकवा मार गया है।पिता की दयनीय हालत और विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण मानसिक अवसाद से ग्रस्त एवं हताश छात्रा ने थक हार कर नर्सिंग प्रथम वर्ष की पुरक परीक्षा आयोजित कराने छतीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था और अपने भविष्य की दुहाई देते हुये पूरक परीक्षा आयोजित कराने की माँग की थी किंतु छात्रा को यहाँ भी निराशा हाथ लगी।दर-दर की ठोकर खा कर थक चुकी छात्रा ने अंत मे उच्च शिक्षामंत्री को ज्ञापन सौंप बी एस सी नर्सिंग प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षा आयोजित कराने की गुहार लगाई है ताकि उसे भविष्य में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके।