अम्बिकापुर महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. एम.गीता ने कहा है कि बच्चों एवं महिलाओं के प्रति संवेदनषील होकर उनकी बेहतरी के लिए शासकीय योजनाओं का शत-प्रतिषत क्रियान्वयन सुनिष्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अधिकारी अपने अधीनस्थ मैदानी अमले को निर्धारित अवधि में भ्रमण कर निरीक्षण हेतु निर्देषित करें, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की पारदर्षितापूर्वक मॉनीटरिंग हो सके। डॉ एम. गीता ने यह निर्देष आज जिला पंचायत कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में दिए। डॉ. एम.गीता ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा घरेलू हिंसा को रोकने के लिए संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है जो पीड़ित महिलाओं को घरेलू हिंसा से संरक्षण प्रदान करने हेतु आवष्यक मार्गदर्षन देते हैं। उन्होंने संरक्षण अधिकारियों को सक्रियता से कार्य करने हेतु उन्हें जिले में संचालित सखी केन्द्रों में कार्यालयीन समय पर उपस्थित रहने के निर्देष दिए। डॉ. एम.गीता ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों पर विषेष ध्यान रखते हुए पोषक आहार देकर सामान्य अवस्था में लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि महतारी जतन योजना के अंतर्गत गर्भवती माताओं को दी जाने वाली गर्म पौष्टिक भोजन खाने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करें, ताकि माता और षिषु दोनों स्वस्थ रहें।
डॉ. एम. गीता ने कहा कि स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार की जाने वाली रेडी-टू-ईट की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए निर्माण स्थलों का सतत् भ्रमण कर वस्तु स्थिति की जायजा लें तथा उन्हें निर्धारित खाद्यान्नों की उपयुक्त मात्रा के संबंध में जानकारी दें। उन्होंने रेडी-टू-ईट तैयार करने हेतु स्व सहायता समूहों को गेहूँ के उठाव में आर रही समस्याओं के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से समन्वय कर शीघ्र समाधान करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि स्व सहायता समूहों द्वारा तैयारी की जाने वाली रेडी-टू-ईट की पूर्ति संबंधित सेक्टर में ही कराएं तथा किसी भी परिस्थिति में सेक्टर से बाहर की स्व सहायता समूहों से रेडी-टू-ईट की आपूर्ति न कराएं। उन्होंने रेडी-टू-ईट की सेक्टरवार तिवरण हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी को अधिकृत किया है। उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा फूलवारी केन्द्रों की दीवारों में महिला हेल्प लाईन नम्बर तथा चाइल्ड हेल्प नम्बर लिखवाने के निर्देष अधिकारियों को दिए।
डॉ. एम.गीता ने बताया कि महिलाओं को पुलिस सहायता प्रदान करने हेतु ग्राम पंचायतों के वार्डो में महिला पुलिस फेसिलेटर की नियुक्ति की जाएगी जो पुलिस के साथ समन्वय करेंगे। उन्होंने बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत के विवाहित तथा बारहवीं पास महिला, महिला पुलिस फेसिलेटर हेतु आवेदन करने के पात्र होंगे। डॉ. एम.गीता ने आंगनबाड़ी के निरीक्षण कार्य एवं योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए लम्बे समय से अनुपस्थित कोरिया जिले की सुपरवाइजर पायल तथा ईषा थवाइत, सूरजपुर जिले की दीपा बेक एवं लेखा पाण्डेय को बर्खास्त करने हेतु आवष्यक कार्यवाही करने के निर्देष दिए वहीं दायित्वों में लापरवाही बरतने के कारण सरगुजा जिला अंतर्गत दरिमा क्षेत्र की सुपरवाइजर सावित्री सिंह को कारण बताओं सूचना जारी करने के निर्देष दिए।
इस अवसर पर सरगुजा कलेक्टर किरण कौषल, सूरजपुर कलेक्टर के.सी. देव सेनापति, बलरामपुर-रामानुजगंज कलेक्टर अवनीष कुमार शरण, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनुराग पाण्डेय, महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर संचालक पदमिनी भोई, संयुक्त संचालक द्वय डी.एस. मरावी, क्रिस्टीना लाल, उप संचालक पार्वती सलाम, सहायक संचालक सुनील सोनी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।