जग्गी मामले में कोर्ट से बरी, जाति मामले में षड्यंत्र हुआ उजागर, फिर भी बाज नहीं आ रहे भाजपा के मंत्री
अंबिकापुर गृहमंत्री द्वारा जग्गी हत्या काण्ड में अमित जोगी पर जेल जाने की बात को दोहराते हुए.. ममाले का दोषी बताये जाने के बाद जोगी समर्थक खासे नाराज है। इस सम्बन्ध में जनता कांग्रेस छत्तीससगढ़ (जे) के अंबिकापुर जिला अध्यक्ष दानिश रफीक ने उनके बयान की निंदा करते हुए कहा है की गृह विभाग के मंत्री रहते हुए रामसेवक पैकरा ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। उनके बयान से लगता है की वो न्याय पालिका में विस्वास नहीं रखते या न्यालय का निर्णय भी उनके लिए कोई अहमियत नहीं रखता। गृहमंत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए अमित जोगी को जग्गी हत्याकांड का दोषी बताया जबकी इस मामले में न्यालय ने अमित जोगी को बाइज्जत बरी किया है। लिहाजा न्यायालय के अनुसार अमित जोगी जग्गी ह्त्या कांड के दोषी नहीं है। फिर भी प्रदेश के गृह मंत्री अपने ऊपर लगे आरोपों से बचने के लिए उन पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे है।
दानिश रफीक ने कहा है की गृहमंत्री के क्षेत्र में कोयला, रेत और लकड़ी की तश्करी उनके ही सह पर किया जा रहा है। लेकिन इस आरोपों का जवाब देने की जगह गृहमंत्री अनर्गल आरोप लगा रहे है। उन्होंने कहा है की गृह मंत्री अगर इन धंधो में खुद लिप्त नहीं है तो पहले अपने क्षेत्र में चल रहे इन अवैध कारोबारो पर अंकुश लगाये फिर किसी और पर आरोप लगाए। क्योकी अवैध कारोबार में गृहमंत्री के बेटे की भूमिका किसी से छिपी नही है। हर व्यक्ति जानता है की किस तरह गलत तरीके से धन अर्जन का काम सारे नियमो को तोड़ते हुए किया जा रहा है।
दानिश ने यह भी कहा की जोगी जी की जाती मामले में इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी विरोधी किसी नतीजे पर नहीं पहुच सके है। जिस कमेटी की सिफारिस से जोगी परिवार का जाति प्रमाण-पत्र फर्जी करार दिया गया था उस पांच सदस्यीय कमेटी के तीन पदों पर एक ही व्यक्ति पदस्थ होते हुए तीन लोगो के हस्ताक्षर अकेले किये थे। और यह सब शासन के दबाव में कराया गया था। कमेटी की इस रिपोर्ट पर भी माननीय नायालय ने फटकार लगाई थी। भाजपा और कान्ग्रेस दोनों के नेता जोगी जी के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार देने में अपनी पूरी ताकत लगा रहे है लेकिन न्यायलय की शरण में जाने के बाद इन्हें हर बार निराशा ही हाथ लगी है। और फिर भी इनके गृह मंत्री बयान देते है की अमित जोगी का जाति प्रमाण-पत्र फर्जी है। मंत्री के इन बयानों से एक बात साफ़ तौर पर समझ में आती है की इस सरकार और इनके मंत्रियो ना तो लोकतंत्र को मानते है और ना ही न्यायालय पर इन्हें भरोसा है।