पटवारियों द्वारा किए जा रहे जांच में हुआ खुलासा
किसानों पर बयान बदलने का बनाया जा रहा दबाव
अंबिकापुर (दिलीप जायसवाल) बलरामपुर जिले के धंधापुर स्थित सहाकारी समिति में एक बडे फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है। यहां पिछले दिनों किसानों के नाम पर बिचैलियों ने धान बेच दिया और किसानांे को इसकी जानकारी ही नहीं है। हद तो यह है कि एक किसान के नाम पर किसान के्रडिट कार्ड के तहत लोन भी दे दिया गया। लेकिन किसानों को इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। इसका खुलासा तब हो रहा है जब एसडीएम ने शक के आधार पर उन किसानों के बारे में जांच करवाना शुरू किया है जिनके नाम से अधिक धान बिक रहा है।
राजपुर के धंधापुर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धान खरीदी में गडबडी को लेकर सुर्खियों में रहा है। इस साल धान खरीदी की व्यवस्था में प्रषासन ने सख्ती किया है लेकिन बिचैलिए समिति के धान खरीदी प्रभारी से मिलीभगत कर अपना काम कर रहे हैं। इस साल इसका पता नहीं चलता लेकिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व षिव कुमार बनर्जी ने गडबडी को देखते हुए संबंधित क्षेत्र के पटवारियों को आदेष दिया है कि किसानों से जाकर पूछताछ करें कि आखिर उन्हांेने कितना धान बेचा है। इस पर धंधापुर समिति क्षेत्र के कुंदीकला में एक किसान के घर पहुंचकर जब पटवारी ने धान बिक्री के संबंध में पूछताछ किया तो उसने बयान में बताया कि इस साल वह धान नहीं बेचा है। इसी तरह परसवार कला के श्याम प्रसाद आत्मज बिगन नामक किसान से समिति में धान बिक्री और लोन लेने के संबंध में पटवारी ने पूछा तो उसने अपने बयान में बताया कि वह धान नहीं बेचा है। जब उससे बैंक का पास बुक मांगा गया तो उसने बयान दिया कि वह बिचैलिए के पास है। इस पर पटवारी ने उसे बिचैलिए के घर से बरामद किया। किसान ने यह भी बताया कि वह किसान के्रडिट कार्ड के तहत कर्ज भी नहीं लिया है लेकिन सहकारी समिति में उसके नाम किसी ने कर्ज भी लिया है।
राजस्व अमले का कहना है कि अब इन किसानों पर बयान बदलवाने का दबाव बनाया जा रहा है तो मामले की लिपापोती भी की जा सकती है। कुछ अधिकारियों का कहना है कि अगर समिति में किसान के्रडिट योजना के तहत लोन लेने वाले किसानों की जांच की जाए तो कई ऐसे प्रकरण सामने आएगें जिसमें किसानों को लोन के बारे में पता ही नहीं है। ये सब समिति और बैंक के अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से हुआ है।
वहीं किसानों के नाम पर और भी बिचैलिए धान बेच रहे हैं। लेकिन बिचैलिए व धान खरीदी प्रभारी किसानों से ही मिलीभगत कर इन कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। जानकारों की माने तो अब तक कई बिचैलिए धान बेच चुके हैं। इस पर अधिकारी कह रहे हैं कि किसानों से सख्ती से पूछताछ की जाएगी जिन किसानों पर संदेह है वहीं दोषी समिति कर्मचारियों व धान खरीदी प्रभारी पर पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया जाएगा।