राज्य शासन ने अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थापना के संबंध में जारी नीति-निर्देशों का कढ़ाई से पालन करने के लिए सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिव और विशेष सचिवों (स्वतंत्र प्रभार) को परिपत्र जारी किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से 23 नवम्बर गुरूवार को जारी परिपत्र में अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थापना के संबंध में जारी नीति-निर्देश को स्पष्ट करते हुए कहा कि अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र मे स्थानांतरित किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक कार्यमुक्त नही किया जाएगा जब तक उसका एवजीदार उपस्थित नही हो जाए। परिपत्र में कहा गया है कि विभाग द्वारा अनुसूचित क्षेत्र से तबादला के मामले में एवजीदार की पदस्थापना अनिवार्य रूप से की जाए अन्यथा एवजीदार के बिना किया गया तबादला शून्य माना जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सचिवों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि उक्त निर्देशों का पालन विभागों द्वारा कठोरता से नही किया जा रहा है एवं अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित शासकीय सेवकों के स्थानांतरण आदेश में यह उल्लेख कर दिया जाता है कि निर्दिष्ट तिथि से स्थानांतरित व्यक्ति भारमुक्त माना जाएगा। इस कारण संभाग एवं जिला स्तर पर अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उनके स्थान पर एवजीदार की पदस्थापना हुए बिना ही निर्दिष्ट तिथि को भार मुक्त हो जाते है। जिसके फलस्वरूप पद रिक्त हो जाने से अनुसूचित क्षेत्र में शासन की योजनाओं एवं कार्यो पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति को देखते हुए संभागायुक्त एवं कलेक्टरों द्वारा भी अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण के मामले में एवजीदार की पदस्थापना अनिवार्य रूप से किए जाने की मांग लगातार की जाती है। परिपत्र में इस बात को पुनः स्पष्ट किया गया है कि दूरस्थ अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने की दृष्टि से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तीन जून 2015 के परिपत्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सभी विभागों द्वारा कढ़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों के विपरीत विभागों द्वारा की गई कार्रवाई शासन के निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा। सभी विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करे कि उनके विभागों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों से गैर अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरण/पदस्थापना के मामलों में एवजीदार की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। एवजीदार की पदस्थापना तथा प्रभार लिए जाने के पश्चात ही स्थानांतरित व्यक्ति भार मुक्त हो सकेगा।