नई दिल्ली साल 2017 में सबसे ज्यादा रन बनाकर इतिहास रच चुके भारतीय कप्तान विराट कोहली आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। कोहली आज 29 साल के हो गए हैं। उन्होंने इस उम्र में क्रिकेट में जो मुकाम हासिल किया है वो शायद ही कोई सका। कोहली ने अपने करियर के शुरुआत में काफी उतार-चढ़ाव देखा लेकिन आज वो जहां वहां हर कोई नहीं पहुंच सकता। कोहली भावनाओं से भरा वो कप्तान है जो मैदान पर केवल जीत के सिवाय कुछ और नहीं चाहता है। हालांकि लोग कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति पर दूसरों की संगति का काफी असर होता है। कोहली के साथ भी कुछ ऐसा ही है। जी हां, दरअसल कोहली पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के उत्तराधिकारी बने हैं। आक्रामकता के नाम पर दोनों में काफी अंतर है। जहां मौजूदा कप्तान अपने जुनून से विरोधियों के हलक से जीत छीनने की हिम्मत रखता है तो वहीं पूर्व कप्तान अपनी कूलनेस से विपक्षी टीम को धराशायी कर चुका है। दोनों खिलाड़ियों में आपसी समझ हर क्रिकेट फैंस के लिए देखने वाली चीज होती है। कोहली हमेशा धोनी को अपना कप्तान मानते हैं ऐसा वे खुद कह चुके हैं।
धोनी कहते हैं कि दो रन लेने हैं तो मैं आंखें बंद करके दौड़ जाता हूं हाल ही में गौरव कपूर के साथ ब्रेकफास्ट विथ चैंपियंस शो में कोहली ने अपनी जिंदगी से जुड़े हुए विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने इस दौरान टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के साथ अपने रिश्तों के बारे में बातचीत करते हुए कहा, “एमएस धोनी और मेरे बीच अच्छी समझ है। जब हम एक साथ खेल रहे होते हैं, और रन दौड़ने के दौरान धोनी कहते हैं कि दो रन लेने हैं तो मैं आंखें बंद करके दौड़ जाता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि उनका निर्णय बहुत सही होता है और मैं रन पूरा कर लूंगा।”
कोहली ‘अपने कप्तान’ पर खुद से भी ज्यादा विश्वास करते हैं बता दें कि ये दो खिलाड़ी जब पिच पर होते हैं तो भले ही लंबे शॉट न लगाएं लेकिन दौड़ने के मामले में इनका दूसरा कोई विकल्प नहीं है। दोनों के बीच रन आउट को चांसेस न के बराबर होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कोहल ‘अपने कप्तान’ पर खुद से भी ज्यादा विश्वास करते हैं। शो में कोहली ने धोनी से अपनी दोस्ती के बारे में विस्तार से बातचीत की। उन्होंने कहा, “मेरी उनके साथ दोस्ती पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है। लोग बहुत कोशिश करते हैं कि बीच में स्टोरी चलाओ, फूट डालने की कोशिश करो। हमें फर्क नहीं पड़ता। वो न पढ़ते कुछ, न मैं पढ़ता कुछ। हम लोग जब साथ में निकलते हैं तो कहते हैं, कुछ नहीं था। हमें तो पता ही नहीं, क्या हो रहा है। मैं और वो बहुत करीबी हैं। बड़े खिलाड़ियों के जाने के बाद नए खिलाड़ियों ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि हमें ट्रांजीशन का पता ही नहीं चला। सबकुछ मस्त चल रहा है। हम लोगों के बीच जैसा पहले रिलेशन था वैसा अभी भी है। मैं बहुत लकी महसूस करता हूं कि वह अभी भी मेरी कप्तानी के शुरुआती सालों में हमारे साथ हैं और मैं अभी भी उनसे बहुत कुछ सीख रहा हूं।”
बहुत कम होता है जब कोहली खुद के निर्णय से डीआरएस लेते हों
कहा जाता है कि मौजूदा टीम इंडिया दो कप्तानों के साथ खेलती है। दरअसल इसकी बानगी कई बार देखने को मिली। बहुत कम होता है जब कोहली खुद के निर्णय से डीआरएस लेते हों। हमेशा वे धोनी की तरफ मुड़कर देखते हैं। धोनी की हां होने पर ही कोहली डीआरएस की टी बनाते हैं। दरअसल इसका एक कारण ये भी है कि धोनी बहुत कम गलत साबित होते हैं। कोहली के लिए विश्वकप 2019 से पहले धोनी का साथ बहुत जरूरी है ये कोहली खुद समझते हैं। क्योंकि वो एक ऐसे कप्तान के साथ खेल रहे हैं क्रिकेट को जी चुका है। क्रिकेट जिसकी रग-रग में बसा है।