बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) जिले के ग्राम डिंडो में बीते 11 सिम्बर को उपनिरीक्षक उत्तम भारद्वाज के नेतृत्व में 7 सदस्यीय आबकारी विभाग की टीम छापामार कार्यवाही करने पहुँची थी,और इस टीम पर ग्राम डिंडो के ही भाजपा नेता पुष्पकान्त यादव और लालमन यादव समेत अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर मारपीट कर दी थी,जिसकी लिखित शिकायत आबकारी अमले ने पुलिस चौकी डिंडो में की थी,बावजूद इसके पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही नही की,तथा आबकारी अमले को मामले के जांच के बाद कार्यवाही का आस्वासन देकर चौकी प्रभारी ने वापस भेज दिया था।
एसपी ने दिए थे आदेश
आबकारी अमले ने मामले की शिकायत कलेक्टर अवनीश कुमार शरण से लेकर पुलिस अधीक्षक डी आर आँचला से की थी,और पुलिस अधीक्षक डी आर आँचला के हस्तक्षेप के बाद घटना के सप्ताहभर बीत जाने के बाद डिंडो पुलिस चौकी में पुष्प कांत यादव,लालमन यादव के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 294,506,353,332,186,147 के तहत आरोप पंजीबद्ध किया गया,लेकिन आबकारी विभाग ने पुलिस को दिए गए लिखित शिकायत में टीम में शामिल महिला कर्मी से गाली गलौच और मारपीट का जिक्र किया था,इसके साथ ही उक्त आवेदन में पुष्पकान्त यादव द्वारा जातिसूचक गाली दिए जाने का उल्लेख करते हुए,ऐक्टो सिटी एक्ट लगाए जाने की मांग की गई थी।
जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में पुलिसिया कार्यवाही
वही आबकारी अमले आरोप लगाया है कि पुलिस राजनैतिक दबाव के चलते आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही नही कर रही है,इसके अलावा आरोपीयो के विरुद्ध दर्ज की गई रिपोर्ट में कामन धारा लगाकर मामले को जांच के नाम पर पेंडिंग कर दिया गया है,जो कि समझ से परे है।
पूर्व में भाजपा नेता पर आबकारी विभाग ने की थी कार्यवाही
विदित हो कि विगत दो माह पूर्व ही आबकारी उपनिरीक्षक उत्तम भारद्वाज ने अपने मैदानी अमले के साथ छापामार कार्यवाही करते हुए ग्राम डिंडो में भाजपा पुष्पकान्त यादव के घर से 10 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त कर उसके खिलाफ कार्यवाही की थी,और सन्देह व्यक्त की जा रही है,की इसी के चलते पुष्पकान्त यादव आबकारी अमले के प्रति आपसी बैर पाले हुए है।
कार्यवाही में देरी से,कर्मचारियों का मनोबल टूटा
राज्य सरकार प्रदेश में पूर्णतः शराबबंदी को लेकर लामबन्द हो चुकी है,और प्रदेश में शराब की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने आबकारी विभाग को सख्त निर्देश दिए गए है,जिस पर समय समय पर आबकारी विभाग अमल करता है,कार्यवाही भी की जाती है,लेकिन अब डिंडो में की गई कार्यवाही आबकारी अमले के लिए राजनैतिक दबाव के चलते परेशानी का सबब बन गया है,यही नही मैदानी अमले के साथ मारपीट के बाद पुलिसिया कार्यवाही में हो रही देरी के चलते आबकारी अमले के कर्मचारियों का मनोबल टूटा है।