बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) छ.ग. वन कर्मचारी संघ प्रांतीय निकाय के आह्वान पर आज प्रदेश के समस्त वनमण्डल कार्यालयों में प्रदर्शन एवं घेराव कार्यक्रम नियत था। छ.ग. वन कर्मचारी संघ के समर्थन में छत्तीसगढ़ वन लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, फाॅरेस्ट रेंजर्स एसोशियेशन एवं ए.सी.एफ. एशोसियेशन ने भी विरोध प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग के द्वारा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों जिनमें एस.डी.ओ., रेंजर, अन्य मैदानी एवं लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को शासन के कर्मचारी विरोधी नीति 50 वर्ष की आयु एवं 20 वर्ष की सेवा अवधि की गलत तरीके से समीक्षा कर अनिवार्य सेवानिवृत्त दिये जाने के विरोध में समस्त वन कर्मचारी संगठन एकजुट होकर शासन से दो दो हाथ करने को तैयार हैं। कर्मचारी संघ ने बताया कि पीड़ित पक्ष को सुनवाई का अवसर दिये बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। इस कार्यवाही से कर्मचारी सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है, जो निंदनीय है। नियम विरूद्ध सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुनः सेवा में बहाल किया जाना चाहिये।
छ.ग वन लिपिक वर्गीय वन कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर माँग किया है कि 50 वर्ष आयु एवं 20 वर्ष की सेवा अवधि के अधिकारी/कर्मचारियों के सेवा अवधि की समीक्षा किये जाने के नियम/निर्देशों में संशोधन कर एक शासकीय सेवक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने के पूर्व नियमानुसार कारण बताओ सूचना/स्पष्टीकरण पत्र देते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने जैसे किसी कठोर कार्यवाही के पूर्व उसके कारणों से अवगत कराने का न्यायोचित अवसर दिया जावे।
घेराव एवं प्रदर्शन कार्यक्रम में ए.सी.एफ. एशोसियेशन से एस.एन.ओझा, आर.बी.पटेल, जे.आर. भगत, एस.एन. नेताम, फाॅरेस्ट रेंजर्स एसोशियेसन के अशोक तिवारी, डी.एन. जायसवाल, पी.सी.मिश्रा, शैलेन्द्र अम्बस्ट, छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के एस.बी. मिश्रा, प्रह्लाद तिवारी, गणेश सिंह, एम.पी. सिंह, छत्तीसगढ़ वन लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ से योगेश श्रीवास्तव, विनोद बेक, रमेश तिवारी, रीता बिरथरे, वेदमति मिश्रा सहित सैकड़ों वन अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित हुये।