बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) जिले के ग्राम केरवाशिला में एक बकरी ने दो मेमनों को जन्म दिया है, जिसमे से एक मेमना इन दिनों कौतूहल का विषय बना हुआ है, और हो भी क्यो ना गाव के दयाशंकर यादव के घर कल जन्मे मेमने के आठ पैर है, तथा यह बात क्षेत्र में आग की तरह फैल चुकी है जिसे देखने दयाशंकर के घर मे लोगो का हुजूम उमड़ पड़ा है,तो वही कुछ लोग इसे दैवीय शक्ति का प्रकोप बता रहे है,लेकिन पशु चिकित्सक इसे मेडिकल सांइस की भाषा में मेमने के जन्म के पूर्व शरीर मे आई विकृति बता रहा है।
आठ पैरो वाला मेमना और वह भी स्वस्थ्य
बलरामपुर जिले के रामचन्द्रपुर विकासखण्ड के ग्राम केरवाशिला में दयाशंकर यादव के घर पर कल शाम उसकी पालतू बकरी ने कल दो मेमनों को जन्म दिया है,जिनमे से एक मेमनेे के आठ पैर है,और कल जन्मा यह मेमना अभी पूर्णतः स्वस्थय बताया जा रहा है।
वही कल जन्मा यह मेमना ग्रामीणों के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है,यह खबर आसपास के क्षेत्र में जंगल मे आग की तर्ज पर फैल चुका है,और इस मेमने को देखने भारी तादाद में लोग दयाशंकर के घर पर पहुच रहे है,यही नही कुछ ग्रामीणों की माने तो वे इसे चमत्कारी शक्ति या दैविक शक्ति का प्रकोप मान रहे है।
भ्रूणा अवस्था मे आई विकृति का शिकार हो गया मेमना
कल जन्मे इस मेमने के आठ पैर होने की जानकारी पशुचिकित्सा विभाग को भी है,लेकिन पशुचिकित्सा विभाग के अधिकारी बी पी सतनामी इसे एक साइंटिफिक रीजन बता रहे है,वही अधिकारियों का कहना है कि,इसके पीछे कोई अद्भुत शक्ति नही है,बल्कि इस मेमने का विकास गर्भ में रहने के दौरान पूर्ण तरी के से नही हो पाया है,और इस मेमने के दो पैर सामने तथा बाकी के पैर पीछे है,जिसकी वजह से यह मेमना ठीक तरीके बैठ नही पा रहा है,और जबतक उसके शरीर के पार्ट्स काम करते रहेंगे यह मेमना जिंदा रहेगा।
यह पहला मौका नही है कि जब यह आठ पैर वाला मेमना लोगो के बीच अंधविश्वास के चलते लोगो के बीच कौतूहल का विषय बन कर रह गया,जबकि मेडिकल साइंस की भाषा मे इसे गर्भधारण के समय मे आई विकृति कहा जा सकता है।