सड़क निर्माण कंपनी जी वी आर का ग्राउंड स्टाफ गया अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
बतौली (निलय त्रिपाठी) एन एच के नवनिर्माण में लगातार व्यवधान आने से आमजन की परेशानी कम नहीं हो रही ।ताजा समाचार के अनुसार ठेका प्राप्त कंपनी के जमीनी स्तर के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें पिछले आठ महीने से वेतन नहीं मिला है ।इस वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वह परिवार में ना तो पैसे भेज पा रहे हैं ना ही जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों पर आरोपों की झड़ी लगा दी है ।उन्होंने बताया कि कंपनी ना तो समय पर वेतन देती है और वेतन मांगने पर उल्टा उन्हें जेल भेज देने की धमकी दी जाती है ।
एन एच के नव निर्माण के लिए जी वी आर कंपनी को ठेका दिया गया है ।सड़क हैंडओवर होने के बाद आठ महीने बीतने पर भी सड़क निर्माण का कोई अता-पता नहीं है। पिछले दिनों स्थानीय विधायक और नेता प्रतिपक्ष ने धरना प्रदर्शन कर जी वी आर कंपनी को चेताया था ।इसके बाद दिसंबर तक दस किलोमीटर सड़क निर्माण का वादा किया गया है। संभावना जताई जा रही थी कि पंद्रह सितंबर से सड़क निर्माण का कार्य शुरु हो जाएगा ।लेकिन अब सड़क निर्माण में नया रोड़ा सामने आ गया है ।कंपनी के ग्राउंड लेवल के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर जाने की मुख्य वजह पिछले छह से आठ महीने से वेतन ना मिलना है। मंगलवार को एक सौ बीस से ज्यादा कर्मचारियों ने मंगारी स्थित कंपनी के कैंप के मुख्य द्वार के सामने हल्ला बोला ।हड़ताली कर्मचारियों ने कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों पर कई आरोप लगाए हैं। आशीष रंजन प्रसाद सिविल इंजीनियर हाईवे कम स्ट्रक्चर ने बताया कि पांच सितंबर से पहले पिछले आठ महीने का पूरा वेतन सभी कर्मचारियों को देने का वादा किया गया था। इससे पहले 26 और 28 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन बैंक बंद होने का हवाला देकर वादा खिलाफी की गई और बाद में पांच सितंबर की तारीख तय की गई थी। लेकिन आज तक उन्हें वेतन नहीं मिला है ।उन्होंने साफ कहा कि कर्मचारियों को वेतन ना देने की वजह से ही सड़क निर्माण में देरी हो रही है ।कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि कंपनी का नियम है कि छह से आठ महीने बाद ही वेतन दिया जाता है ।इनके इसी तानाशाही रवैये की वजह से सौ से ज्यादा कर्मचारी बिना वेतन लिये अपने घर जा चुके हैं ।बिना जोइनिंग लेटर दिए कर्मचारियों को रखा जाता है और जब वे वेतन मांगते हैं तो उन्हें जेल भेज देना तक की धमकी दी जाती है। हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने सीतापुर थाने में इस संबंध में सूचना दी है ।कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों से आठ घंटे की बजाय बढ़ घंटे काम करवाया जाता हैं ।एक दिन भी छुट्टी नहीं दी जाती ।यहां तक की 15 अगस्त राष्ट्रीय त्यौहार के दिन भी उनसे काम कराया गया ।सभी कर्मचारियों ने जिम्मेदार कंपनी के अधिकारियों से जल्द कार्रवाई की मांग की है। मंगलवार को अनिश्चित कालीन हड़ताल के दौरान आशीष रंजन प्रसाद सिविल इंजीनियर हाईव व स्ट्रक्चर ,एस के वर्मा स्ट्रक्चर हेड ,एस के सिन्हा लैब इंचार्ज सहित 120 से ज्यादा स्टाफ मौजूद रहा ।कंपनी के हड़ताली कर्मचारियों को वेतन ना देने के मामले में जब जिम्मेदार अधिकारियों के फोन नंबर पर बातचीत करने की कोशिश की गई तो उनसे बातचीत नहीं हो सकी।
एन एच करेंगे जाम
हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि वह फिलहाल अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं ।लेकिन जल्दी ही उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे एनएच जाम कर अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए आंदोलन करेंगे।
बाढ़ प्रभावितों को भी नहीं मिली राहत
हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि ग्राउंड लेवल के कर्मचारी बिहार ,आसाम ,मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश, झारखंड, त्रिपुरा ,बिहार से आए हुए हैं। कई राज्यों में पिछले दिनों बाढ़ से हालात खराब थी ।बाढ़ प्रभावितों के परिजन कंपनी में सड़क निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। मुसीबत के समय जब कंपनी से पैसे मांगे गये तो इस दौरान भी उन्हें राहत के लिए पैसे नहीं दिए गए।
स्थानीय ठेकेदारों को भी नहीं मिले पैसे
जीवी आर कंपनी ने सड़क निर्माण के लिए रेत आदि की व्यवस्था के लिए स्थानीय क्रेशर व ट्रैक्टर संचालकों को भी पिछले आठ महीने से राशि नहीं दी है। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए कर्मचारियों के साथ मंगलवार को वे भी धरना स्थल पर मौजूद रहे।
आशीष रंजन प्रसाद सिविल इंजीनियर हाईवे व स्ट्रक्चर
कंपनी के जमीनी स्तर के कर्मचारी काफी परेशान है। छह से आठ महीनों का उन्हें वेतन नहीं दिया गया है। बार-बार आग्रह करने के बाद भी वेतन नहीं दिया जाता है। इसलिए मजबूरन उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ा है। सीतापुर थाने में भी कंपनी की तानाशाही रवैया की सूचना दी गई है ।हम कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वह वेतन समय पर दें और पिछले आठ महीने का भी वेतन एक मुश्त देने की कोशिश करें ।उसके बाद ही सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
अजय त्रिपाठी अनुविभागीय अधिकारी सीतापुर
दोनों पक्षों की उपस्थिति में बैठक आयोजित कर मामले का निराकरण किया गया है ।सोमवार तक कंपनी मेकेनिकल और सिविल विभाग के कर्मचारियों का दो माह का वेतन भुगतान करेगी। हमने कंपनी से यह भी आश्वासन मांगा है कि दिवाली से पहले एक माह का भुगतान अवश्य कर दें ताकि त्यौहार में कोई परेशानी ना हो।बैठक के बाद हड़ताल पर गए कर्मचारी वापस आ गए हैं ।गुरुवार से वे कंपनी में काम शुरु करेंगे और निर्धारित समय पर सड़क का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा।