मुख्यमंत्री ने किया ‘ओजस्विनी अलंकरण समारोह’ का शुभारंभ…..
रायपुर, 12 जनवरी 2014
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित ‘ओजस्विनी अलंकरण समारोह’ का शुभारंभ किया।डॉ. सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए देश और समाज की तरक्की के लिए महिलाओं के सशक्तिकरण की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण आज के समय की सबसे बड़ी मांग है और दोनों राज्यों में इस दिशा में काफी काम हुआ है। स्वामी विवेकानंद भी महिला सशक्तिकरण के प्रबल पक्षधर थे। डॉ. सिंह ने उनके 150वें जन्म वर्ष पर भारत सहित दुनिया भर में विगत एक वर्ष तक लगातार हुए विभिन्न आयोजनों का उल्लेख किया और कहा कि आज स्वामी जी के सार्ध-शती का विधिवत समापन हो रहा है, लेकिन मानवता के कल्याण के लिए हम सबकों आजीवन उनके प्रेरणादायक विचारों पर अमल करते हुए उनके मार्ग पर चलने का प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने ओजस्विनी अलंकरण के संदर्भ में महिला सशक्तिकरण की अवधारणा पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने देश का पहला खाद्य सुरक्षा कानून बनाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कार्ड घर की सबसे वरिष्ठ महिला सदस्य के नाम पर जारी करने का प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कामयाबी का सर्वाधिक श्रेय महिलाओं को दिया जाना चाहिए। डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश का छोटा भाई बताया और कहा कि यह लोकतंत्र का तकाजा है कि भाईयों के बीच विकास और बेहतरी की दिशा में बढ़ने के लिए स्वस्थ प्रतियोगिता होनी चाहिए। मध्यप्रदेश ने हमेशा छत्तीसगढ़ को एक बड़े भाई जैसा अपना प्यार और सहयोग दिया है। डॉ. सिंह ने कहा कि तेरह वर्ष पहले तक दोनों एक राज्य थे। मध्यप्रदेश के पुनर्गठन से छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक योगदान तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नया छत्तीसगढ़ राज्य विकास की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच प्रारंभ से ही जो सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध हैं, वे आज भी कायम है और हमेशा कायम रहेंगे। डॉ. रमन सिंह ने ओजस्विनी अलंकरण समारोह के आयोजन के लिए डॉ. सुधा मलैय्या और उनके सहयोगियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज यह सत्रहवां आयोजन है। इतने वर्षों से लगातार सफलतापूर्वक इस प्रकार का अलंकरण समारोह आयोजित कर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपने उल्लेखनीय और सर्वश्रेष्ठ योगदान से जनता को लाभान्वित करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाना निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। ऐसे आयोजन नारी शक्ति के सम्मान का भी प्रतीक है। डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर आयोजकों की ओर से जिन महिलाओं को ओजस्विनी अलंकरण 2013 से सम्मानित किया, उनमें कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित कबिता भट्टाराई, भारतीय कृषि पद्धति को प्रोत्साहित करने में लगी करूणा फुटाने, कठिन परिस्थितियों में भी उद्योग स्थापना कर महिलाओं के लिए उदाहरण पेश करने वाली कल्पना सरोज, छोटी उम्र में एसिड हमले में घायल होने के बावजूद देश में एसिड की सार्वजनिक बिक्री को प्रतिबंधित करवाने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सफलता हासिल करने वाली लक्ष्मी, निशानेबाजी की प्रसिद्ध खिलाड़ी राजकुमारी राठौर तथा आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण दे रही डॉ. सीमा राव भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण दे रहे मेजर दीपक राव को भी ओजस्विनी अलंकरण से सम्मानित किया।