जयपुर एक तरफ देश भर मे गौ- हत्या को लेकर संघर्ष और बहस का दौर अपने चरम पर है। तो दूसरी ओर राजस्थान हाईकोर्ट ने इससे जुडे मामलो पर एक अहम सलाह दी है। हिंगोनिया गोशाला मामले का फैसला सुनाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने गौ-हत्या पर ये टिप्पणी की है, कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गोहत्या करने वाले को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए । राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मसले पर प्रदेश के मुख्य सचिव और महाअधिवक्ता को इस पर कार्यवाही करने को कहा है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने इसके लिए अधिवक्ताओं की कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही एसीबी एडीजे को हर तीन माह में गोशालाओं की रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग के सचिव और म्यूनिसिपल कमिश्नर को हर महीने गोशालाओं का दौरा करने का निर्देश दिया है । राजस्थान हाईकोर्ट की यह सलाह ऐसे समय में आई है, जब एक दिन पहले ही मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने पशुवध को लेकर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर चार हफ्ते की रोक लगा दी है और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है ।
जागो जनता सोसाइटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश महेश चंद्र शर्मा ने वन विभाग को गौशालाओं में हर साल पांच हजार पौधे लगाने का भी आदेश दिया ।