अम्बिकापुर नोटबंदी के बाद कैशलेस को लेकर सरकार और उसके प्रशासनिक अधिकारियो ने जो कवायद की ,, वो शायद सबने देखा और कैशलैस व्यवस्था लागू कराने प्रशासनिक मुस्तैदी की सबने तारीफ भी की,,, लेकिन हैरानी की बात है दूसरो को कैशलेस का पाठ पढाने वाला प्रशासनिक तंत्र ही अब तक इस व्यवस्था के दायरे मे नही आ सका है,, आलम ये है कि सरगुजा जिला मे पब्लिक सेक्टर के ज्यादातर शासकीय विभागो मे कैशलेस व्यवस्था का पालन नही किया जा रहा है,, इस क्रम मे जब हमने विद्युत विभाग की पडताल की तो हमे पता चला कि यहां आज भी वही पुराने ढर्रे से ही काम हो रहा है।
सरगुजा जिले मे अपनी लचर व्यवस्था के लिए चर्चित विद्युत विभाग कैशलेस व्यवस्था मे भी फिसड्डी साबित हो रहा है,,, नोटबंदी के बाद कैशलेस सिस्टम के प्रचार प्रसार मे प्रशानिक अधिकारियो की अगुवाई मे प्रशासनिक नुमाईंदो ने शहर से लेकर गांव तक पसीने बहाए, लेकिन संभाग मुख्यालय के गांधीनगर इलाके मे स्थित विद्युत विभाग के कार्यपालन अभिंयंता कार्यालय मे इसका कोई असर पडा,,, और शायद इसीलिए आज तक इस कार्यालय मे बिजली बिल भुगतान के लिए स्थापित कक्ष मे स्वैप मशीन का सिस्टम नही लग पाया है,, लिहाजा इस कार्यालय मे विद्दुत बिल का भुगतान करने के लिए आने वाले लोगो को अब भी नगद रुपए लेकर आना पडता है,,, जिससे यहां बिल जमा करने आने वाले लोगो मे नाराजगी भी है ।
यहां बिल जमा करने आने वाले उपभोक्ता से बात करने पर पता चला कि कैशलेस सिस्टम अच्छा है , लेकिन स्वैप मशीन नही होने की वजह से उपभोक्ता को आज भी नगद भुगतान लेकर कार्यालय आना पडा रहा है। इधर इन अव्यवस्थाओ के बीच विभाग के कार्यपालन निदेशक की माने तो बैंको को माध्यम से मिलने वाली स्वैप मशीनो का प्रोडक्सन कम होने के कारण ये व्यवस्था अभी विद्युत विभाग मे लागू नही हो पाई है,, हांलाकि पेटीएम और आन लाईन पेमेंट को इसका विकल्प बता कर अधिकारी अपना पलडा जरुर झाड रहे है ।
कैशलेस व्यवस्था मे बैंको की स्वेप मशीन को उपभोक्ता आज भी सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक मानते है,,, लेकिन अधिकारी इसके पेटीएम जैसे विकल्प गिना कर इस सुविधा को लागू करने मे असमर्थता जता रहे है,,, बहरहाल जो अधिकारी, कर्मचारी औऱ विभाग शहर मे घूम घूम कर व्यवसायिक प्रतिष्ठानो मे कैशलेस व्यवस्था का राग अलाप रहे है ,, उनका खुद इस व्यवस्था से महरुम रहना कैशलेस व्यस्था के स्वास्थ के लिए अच्छा नही है,,,,,