मुख्यमंत्री शामिल हुए गैंदसिंह के शहादत दिवस कार्यक्रम में
मंगल भवन के लिए 25 लाख रूपए मंजूर करने की घोषणा
बड़े डोंगर से बारसूर सड़क निर्माण के लिए जल्द होगा सर्वेक्षण
रायपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि अमर शहीदों के महान संघर्षो से ही देश को आजादी और लोकतंत्र को मजबूती मिली है। उनकी शहादत को देश हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री आज दोपहर राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित नारायणपुर जिले के ग्राम बड़े डोंगर में अमर शहीद गैंद सिंह की याद में आयोजित शहादत दिवस के अवसर पर विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा – राज्य सरकार शहीदों के सपनों के अनुरूप गांव, गरीब और किसानों की बेहतरी के लिए काम करते हुए छत्तीसगढ़ को देश का एक आदर्श और खुशहाल राज्य बनाने के लिए वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने शहीद गैंद सिंह के महान संघर्षो को याद किया और कहा कि अमर शहीदों की कुर्बानी से ही देश को आजादी मिली है। शहादत दिवस समारोह का आयोजन अखिल भारतीय हल्बा-हल्बी समाज द्वारा किया गया। हल्बा समाज की ओर से मुख्यमंत्री का पुष्पमाला और पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया। डॉ. रमन सिंह ने अमर शहीद गैंदसिंह के तैलचित्र के समक्ष दीप जलाकर पुष्पचक्र अर्पित किया। मुख्यमंत्री ने हल्बा समाज की जागरुकता एवं सरल शांत जीवनशैली की प्रशंसा करते हुए, यह एक जाग्रत, अनुशासित, संस्कारिक और प्रगतिशील समाज है। डॉ. रमन सिंह ने बड़े डोंगर में मंगल भवन निर्माण के लिए 25 लाख रूपए, सी.सी. रोड के लिए दस लाख रूपए मंजूर करने तथा बारदी नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की। डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि बड़े डोंगर से छोटे डोंगर होते हुए बारसूर तक सड़क निर्माण के लिए जल्द सर्वेक्षण करवाया जाएगा। इस सड़क का ऐतिहासिक महत्व है। पर्यटन की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण सड़क होगी। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य निर्माण के पहले छत्तीसगढ़ पिछड़ा जरूर था, लेकिन आज यह अपने संसाधनों के जरिए देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। बस्तर के विकास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दल्लीराजहरा से रावघाट होकर सीधे जगदलपुर तक रेल लाईन बन रही है। इस अंचल को भी इसका लाभ मिलेगा। इंटरनेट के जरिए बस्तर को देश और दुनिया से जोड़ने के लिए लगभग 50 करोड़ रूपए की लागत से बस्तर नेट परियोजना शुरू की गई है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – आजादी के पहले छत्तीसगढ़ तत्कालीन सी.पी.एण्ड बरार प्रांत का हिस्सा था। स्वतंत्रता के बाद राज्य पुनर्गठन में वह मध्यप्रदेश का अंग बना। बाद में वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ को देश के नया राज्य का स्वरूप दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में जहां पुल-पुलियों, सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण में तेजी आई है, वहीं सिंचाई सुविधा और कृषि उत्पादन बढ़ने पर भूख से भी मुक्ति मिली है। जनता के आशीर्वाद से ही हमें लगातार तीसरी बार सरकार बनाने और राज्य की सेवा का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों और जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनके साकारात्मक नतीजे मिलने लगे हैं। देश के किसी भी राज्य की तुलना में सर्वाधिक जनकल्याणकारी योजनाएं छत्तीसगढ़ में चल रही है। उन्होंने कहा – मुझे संतुष्टि है कि मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत 60 लाख परिवारों को मात्र एक रूपए किलो में चावल मिल रहा है और राज्य में भूख की समस्या खत्म हो गई है। डॉ. सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 35 लाख गरीब परिवारों को महिलाओं के नाम पर मात्र 200 के पंजीयन शुल्क में रसोई गैस कनेक्शन, डबल बर्नर चूल्हा और पहला सिलेण्डर मुफ्त दिया जा रहा है। डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत प्रदेश के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का पूरा इलाज सरकारी खर्च पर किया जा रहा है। शिक्षा एवं कौशल विकास के अंतर्गत प्रदेश के प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराये गए हैं, प्रयास आवासीय विद्यालयों से आदिवासी अंचल के 27 बच्चों का आईआईटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में चयन होना इसका एक अच्छा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने बेटियों की शिक्षा पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षित और संस्कारी समाज के विकास का आधार बालिका शिक्षा है, अतः अपनी बेटियों को उच्च से उच्च शिक्षा देने का संकल्प ले। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आयोजकों की ओर से समाज के प्रमुख नागरिकों को स्मृति चिन्ह और शाल भेंट कर सम्मानित किया।
जनसभा को राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, वनमंत्री श्री महेश गागड़ा, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप और छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर. राणा ने भी संबोधित किया। इस मौके पर राज्य नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष सुश्री लता उसेण्डी, बस्तर के लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अंतागढ़ के विधायक श्री भोजराज नाग सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।