मै ख़त्म हो जाउंगा केश ख़त्म नहीं होगा, मेरे बाद अमित को भी फेस करना होगा–जोगी
चार हाईकोर्ट और एक सुप्रीम कोर्ट का फैसला मेरे पक्ष में..
अम्बिकापुर- देश दीपक “सचिन”
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जकाछ (जे) के मुखिया अजीत जोगी के जाति मामले में उनका दर्द खुलकर सामने आया है। अम्बिकापुर प्रवास से वापसी के दौरान हेलीपैड में अजीत जोगी ने जाति मामले में बताया की इस मामले में वो चार बार हाई कोर्ट से एक बार सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में केश जीत चुके है लेकिन इसके बाद भी सरकार के द्वारा एक कमेटी बना कर मामले की जांच कराई है संभवतः उस जांच रिपोर्ट में भी फैसला मेरे पक्ष में ही आया है लेकिन आज तक उस रिपोर्ट को कोर्ट को नहीं सौंपा गया है। श्री जोगी ने कहा की मेरी जाति का मामला शायद कभी ख़त्म नहीं होगा मै ख़त्म हो जाउंगा लेकिन ये मामला ख़त्म नहीं होगा उन्होंने यह भी कहा की मेरे बाद अमित को की ये मामला फेस करना पडेगा।
जाति मामले का दर्द जोगी की जुबानी
दरसल अम्बिकापुर के कार्यक्रम से वापसी के दौरान सोमवार को हेलीपैड पर फटाफट न्यूज से चर्चा के दौरान अजीत जोगी के जाति मामले में कहा की मैंने सन 86 में जब राजीव जी के साथ मै गया तब तक आईएएस, आईपीस की नौकरी करके गया तब तक किसी ने प्रश्न चिन्ह नहीं उठाया। सन 1986 आने के बाद भारतीय जनता पार्टी और उस समय मुख्यमंत्री थे मोतीलाल वोरा इन लोगो ने मिलकर ये फर्जी केश 1986 में चलाया 86 से आज 2016 तक करीब तीस साल से अधिक समय बीत गया। सबसे पहले इंदौर हाई कोर्ट में केश चला मै जीता। उसके बाद जबलपुर हाई कोर्ट में चला मै जीता। उसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट के डबल बेंच में चला मै जीता। फिर जब रमन सिंह का राज आया तो उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में केश चलवाया उसमे भी मै जीता। इस मामले में हाईकोर्ट ने इनके ऊपर पहली बार लाखो रुपये का जुर्माना किया ये कह कर की तीस साल से इनको अनावश्यक रूप से तंग कर रहे है। तब इनके ऊपर इनके कुछ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल राजेश मूणत इत्यादि हाईकोर्ट में पार्टी बन गए थे, तो हाईकोर्ट ने उन पर जुर्माना लगाते हुए कहा की सन 86 से लेकर अभी तक इस केश में मेरा जितना भी खर्च आया है वो आजीत जोगी को दे। तो उसके खिलाफ ये लोग सुप्रीम कोर्ट गए सुप्रीम कोर्ट ने दया का रुख अपना कर इन पर जुर्माने की राशी को दस हजार कर दिया। उसके बाद जब ये सब कोर्टो में हार गये, चार हाई कोर्ट और एक सुप्रीम कोर्ट में हार गए तब इन लोगो ने नया रास्ता निकाला। जिसमे इन्होने हाई पावर कमेटी में जांच करवाया। उस कमेटी की रिपोर्ट भी आ गई है वो रिपोर्ट भी मेरे पक्ष में है, लेकिन करीब दो साल से मेरे पक्ष में आई रिपोर्ट इन्ही की सरकार ने विजलेंस से जांच कराई और वो जाँच रिपोर्ट भी मेरे पक्ष में है।
श्री जोगी ने कहा की चार हाई कोर्ट और एक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मेरी जाति दो बदल नहीं सकती, दो साल से पक्ष में आई रिपोर्ट पडी है उसमे कोई फैसला नहीं लेते है. क्योकि रमन सिंह को टी एस सिंह देव को और जितने लोग है उनको ये सूट करता है की फैसला ना हो उनको मालूम है मेरे लिए विन विन स्विचुवेशन है, क्योकि मै फिर कोर्ट से जाकर जीत जाउंगा। अभी किसी मेरे किसी दुश्मन ने या मित्र ने ये हाई कोर्ट में केश लगाया है की जब सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था की दो महीने में इसका फैसला कर देना है तब भी इस मामले को क्यों लटका कर रखा गया है। श्री जोगी ने कहा की मै सुप्रीम कोर्ट गया था की साहब तीस साल से मेरे ऊपर ये केश चल रहा है जिसमे ज्यादातर कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे है भले ही मेरे दूसरे पक्ष के रहे है दिग्विजय सिंह रहे, मोती लाल बोरा रहे और तीन बीजेपी के भी रहे, सुन्दरलाल पटवा, सख्लेचा जी, कैलाश जोशी जी मुख्यमंत्री रहे है, अब एक और बीजेपी के आ गए है। इतने लोग के जमाने में कोई भी इतने वर्षो में मुझसे जीता नहीं है और सच की विजय होती है मै तो खुद ही चाहता हूँ की कही अंत हो पर मुझे लगता है की अंत ही नहीं होगा। हमारी न्याय प्रणाली ऐसी है की 1986 से केश चल रहा है आठ दस मुख्यमंत्री हो गए है हर बार मै जीत रहा हूँ, और अब 2016 तक ख़तम नहीं हुआ मै ख़तम हो जाउंगा केश ख़तम नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा की कुछ नहीं तो चुनाव याचिका में जोड़ देते है फिर चालू हो जाता है, ये तो अमित जोगी को भी फेस करना पडेगा।
जाति मामले में टीएस का कटाक्ष
गौरतलब है की पिछले दिनों अम्बिकापुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान विधानसभा नेताप्रतिपक्ष ने अजीत जोगी के जाति मामले में रमन सिंह सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था की 2011 के करीब सुप्रीम कोर्ट ने यह डायरेक्शन दिया था छत्तीसगढ़ सरकार को कि 3 से 6 महीने के अंदर अजीत जोगी जी के आदिवासी होने के संदर्भ में जांच करके अपनी राय हम को प्रस्तुत करें, आज 5 साल लगभग होते चले जा रहे हैं आज भी छत्तीसगढ़ की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर के रखा है मेरा आरोप है कि रमन सिंह की जानकारी में रमन सिंह जी की सरकार में अजीत जोगी को जाती मामले में पूरा लाभ पहुंचा रही है और कारण यह है कि एक बार जिस कमीशन को छत्तीसगढ़ की सरकार ने जिम्मेदारी दी थी वो जोगी जी के जाति के मामले में फैसला देने के लिए कमीशन ने जब यह जानकारी दे दी थी की अजीत जोगी आदिवासी समाज के नहीं है, तो उस रिपोर्ट को 2013 के चुनाव के ठीक पहले क्यों वापस लेकर दोबारा जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा की मेरा सीधा आरोप है कि एक कमीशन जिस नतीजे पर पहुंच चुकी थी, तो रमन सिंह जी के जानकारी में रमन सिंह जी के सरकार ने दोबारा कमीशन बैठा के उनके जाति के संदर्भ में जो की आदिवासी नहीं होने का संदेश उस कमीशन ने दिया था। उसको अभी भी दबा के रखा है।
श्री सिंहदेव ने कहा की मेरा यह मानना है कि प्रमुख अन्य कारणों में प्रमुख कारण यही है कि इन चुनावों के मौके पर रमन सिंह का प्रभाव बनाने में सफल हो जाते हैं। अजीत जोगी कांग्रेस के हितों के विपरीत कांग्रेस में रहते हुए भी काम करते थे और आज भी कांग्रेस के हितों के विपरीत काम करते हैं।
वीडियो में सुने जोगी के जाति मामले की पूरी कहानी उन्ही की जुबानी
https://youtu.be/8lAQthd-gkY