बिलासपुर
एनटीपीसी सीपत से निकलने वाले फ्लाईएश का शत्प्रतिशत उपयोग नहीं करने पर उक्त कारखाने मंे उत्पादन को बंद करने की चेतावनी दी गई है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव एवं पर्यावरण संरक्षण मण्डल के सदस्य सचिव श्री संजय शुक्ला ने आज इस संबंध में एनटीपीसी सीपत के अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि 15 दिवस के भीतर फ्लाईएश यूटिलाईजेशन नोटिफिकेशन 2009 के अनुसार फ्लाईएश का अपवहन नहीं करने पर उत्पादन कार्य को बंद कर दिया जायेगा।
कलेक्टर अन्बलगन पी. और पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्त की उपस्थिति में आयोजित बैठक में श्री शुक्ला ने एनटीपीसी सीपत में निकलने वाले फ्लाईएश का उपयोग नियमानुसार नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जताई। वर्तमान में एनटीपीसी से प्रतिदिन 14 हजार मैट्रिक टन फ्लाईएश निकल रहा है। इसमें से औसत 22 प्रतिशत फ्लाईएश का ही उपयोग हो रहा है। जो मुख्यतः सीमेंट फैक्ट्री और ब्रिक्स बनाने में किया जा रहा है। निर्माणाधीन रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सड़कों, पुलों तथा जो भी शासकीय निर्माण कार्य हो रहे हैं वहां फ्लाईएश का उपयोग किया जाना है। जिसके लिए फ्लाईएश की आपूर्ति करने हेतु एनटीपीसी सीपत को कड़े निर्देश दिये गये। नेशनल हाईवे निर्माण में 100 किलोमीटर तक फ्लाईएश परिवहन एनटीपीसी द्वारा अपने व्यय पर किया जायेगा तथा उसके बाद 300 किलोमीटर तक परिवहन कास्ट का 50 प्रतिशत संबंधित निर्माण एजेंसी को देना होता है। एनटीपीसी के अधिकारी ने बताया कि निर्माणाधीन रायपुर और बिलासपुर मार्ग में 15 फरवरी तक 70 हजार मैट्रिक टन एन्टी फ्लाईएश की आपूर्ति की जायेगी। फ्लाईएश के अपवहन में एनटीपीसी द्वारा जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उस पर भी श्री शुक्ला ने नाराजगी जताई। कलेक्टर श्री अन्बलगन पी. ने निर्माणाधीन सड़कों पर जल्द से जल्द फ्लाईएश की आपूर्ति करने का निर्देश दिया। इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल में दायर प्रकरण क्रमांक 152/2016 सुदीप श्रीवास्तव विरूद्ध छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य के संबंध में जारी निर्देश के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ टोल फ्री नंबर में शिकायत करें-
ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अब टोल फ्री नंबर पर शिकायत की जा सकेगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ में टोल फ्री नंबर शुरू किया जायेगा। बिलासपुर जिले में अभी पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर और मोबाईल नंबर 94791-93099 पर ध्वनि प्रदूषण के संबंध में कोई भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। श्री शुक्ला ने बताया कि अस्पताल, न्यायालय, स्कूल आदि संस्थानों से 100 मीटर की दूरी तक वहनों के हार्न, डीजे, पटाखे आदि प्रतिबंधित किये जा रहे हैं। शादी, जन्म दिन तथा अन्य सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रम में ध्वनि के मापदण्ड एवं निर्धारित समय का सख्ती से पालन कराया जायेगा। ध्वनि यंत्रों से 10 डेसीबल से अधिक आवाज निकलने पर यंत्रों को जप्त किया जायेगा। सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रक, टेम्पो में प्रेशर हार्न लगाने पर फिटनेश सार्टिफिकेट नहीं मिलेगा। यही नहीं परमिट भी निरस्त कर दिये जायेंगे। इसके लिए जिले में पर्याप्त संख्या में ध्वनि मापक यंत्र उपलब्ध कराया जायेगा। 15 से 30 जनवरी जिला पुलिस प्रशासन की टीम को शहर मंे भ्रमण कर निर्धारित डेसीबल से अधिक क्षमता वाले ध्वनि यंत्र, डीजे जप्ती के निर्देश दिए गए। बैठक में क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल डॉ. अनिता सांवत, एनटीपीसी सीपत के जनरल मैनेजर (ओ.एण्ड एम.) श्री देवाशीष सेन, ए.जी.एम. (रसायन एवं पर्यावरण प्रबंधन ) श्री पी.पी.सिंह एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।