स्टेट बैंक ने अस्पताल में खोला कैश चेंज काउंटर

2000 रुपये तक बदले जा रहे बंद हुए नोट

अम्बिकापुर-दीपक सराठे 

अस्पातालो में लगातार पैसो के लिए परेसान मरीजो की समस्सया को देखते हुए स्टेट बैंक ने स्थानीय मेडिकल कालेज अस्पताल में अपना एक काउंटर खोल दिया है। इस काउंटर में मरीजो द्वारा पर्ची दिखाकर 2000 रुपये तक के पुराने नोट बदले जा सकते है। गौरतलब है की नोट बंदी के बाद से लगातार निजी अस्पतालों में बैंको में लोग इलाज के लिए कैश के कारण परेसान हो रहे थे जिसके बाद सरगुजा कलेक्टर भीम सिंह ने अस्पतालों निरीक्षण कर अस्पतालों को बंद नोट लिए जाने की हिदायत भी दी थी। वही अम्बिकापुर के होलीक्रास अस्पताल में मरीज से बंद नोट ना लिए जाने पर मीडिया की दखल के बाद वहाँ के एडमिनिस्ट्रेशन ने 500 व 1000 के नोट लिए जाने के आदेश दिए थे। इन सब के बीच स्टेट बैंक ने एक अच्छी पहल की है।

संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कालेज अस्पताल में रोजाना दूर दराज के ग्रामीण इलाज के लिए आते है।और नोट बंदी के कारण बंद नोट से अन्य उपभोग करने में उन्हें परेसानी का सामना करना पड़ रहा था लेकिन स्टेट बैंक ने अस्पताल में ही एक काउंटर खोल दिया है। जहाँ पर मरीजो के परिजन मरीज की पर्ची दिखाकर बिना भीड के 2000 रुपये तक एक्सचेज कर सकेंगे।

निजी डायग्नोस्टिक सेंटर नहीं ले रहे है बंद नोट

इन सब के बीच शासन के आदेश का उल्लंघन निजी अस्पतालों, पैथोलाजी लैब के द्वारा किये जाने की शिकायते लगातार आ रही है। शुक्रवार की सुबह एक शिक्षिका ने नाम ना बताने की शर्त पर फोन पर बताया की सेन्ट्रल बैंक यूनिवर्सिटी शाखा में एक व्यक्ति रोता हुआ बैंक में खडा है उक्त महिला जब उसकी परेसानी जानने का प्रयास किया तो उसने बताया की इलाज के लिए उसके पास नए नोट नहीं है और एक निजी लैब ने पुराने नोट लेने से मना कर दिया है। और बैंक में भी कैश ख़त्म होने के कारण वो पिछले 2 घंटे से परेशान था लिहाजा महिला ने अपने पास रखे सौ-सौ के पांच नोट उस व्यक्ति को दिए और इसकी सूचना मीडिया को दी जिसके बाद उक्त लैब के द्वारा नोट लिए जाने की बात कही गई।

सुविधा सिर्फ मरीजो के लिए-डॉ घनश्याम

मेडिलकल कालेज के अधीक्षक डॉ घनश्याम सिंह ने बताया की यह सुविधा सिर्फ अस्पताल के मरीजो के लिए है। मरीज की पर्ची होने पर ही रुपये बदले जा सकते है। इससे बाहरी लोग इस काउंटर का फायदा नहीं उठा पाएंगे। बैंक द्वारा जो सुविधा मरीजो को दी गई है वह मरीजो के हितो को देखते हुए अच्छा प्रयास है।