प्रतिक्षा को आज भी बिजली की प्रतिक्षा…

सडके बनी तालाब….

गढ्ढो मे पनप रहा है मलेरिया….

अमितेष पाण्डेय

अम्बिकापुर(खबरपथ) अंबिकापुर मे नवनिर्मित अंतराज्यीय प्रतिक्षा बस स्टैंड की प्रतिक्षा तो बीते जनवरी मे खत्म हो गई थी,, लेकिन काफी मिन्नतो के बाद यंहा की गुमटियां बिजली के लिए तो लोग बुनायदी सुविधाओ के लिए आज भी मोहताज है। हांलाकि निगम प्रशासन यंहा अपनी चुस्त दुरुस्त व्यवस्था का दावे जरुर करता है,, लेकिन निगम के दावे की हकीकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि नए बस स्टैंड मे यात्रियो को पीने के पानी के लिए भी मोहताज होना पडता है।

 

बंगलौर की तर्ज पर करोडो खर्च करके अम्बिकापुर निगम प्रशासन ने नए बस स्टैंड का निर्माण तो करा दिया, लेकिन नए बस स्टैंड मे आज भी जो सुविधाएं होनी चाहिए नही है, पहली बारिश मे ही बस स्टैंड के विकास की पोल पूरी तरह से खुल गई है, जगह जगह गंदे पानी से भरे गढ्ढे , चारो ओर फैली गंदगी निगम के दावो को खोखला साबित कर रही है।  वही पुराने बस स्टैंड से विस्थापित व्यवसाईयो को नए बस स्टैंड मे काफी मुश्किलो के बाद गुमटियां तो मुहैया करा दी गई ,, लेकिन इन गुमटियो मे आज निमग प्रशासन ने बिजली की कोई व्यवस्था नही दी है लिहाजा दिन भर तो ये छोटे व्यसाई इनवर्टर से अपना काम चला लेते है लेकिन शाम के पहले ही इनवर्टर भी इनका साथ छोड देता है और फिर मजबूरन गुमटियां संचालित करने वाले छोटे व्यवसाईयो शाम ढलते ही अपनी दुकाने बंद कर देते है,, जिसका इसका खामियाजा इन व्यवसाईयो के साथ ही दूर दराज से आए उन यात्रियो को भी भुगतना पडता है ।

बारिश से बचने और बस को व्यवस्थित रुप से खडा करने के नाम पर निगम प्रशासन ने बस स्टैंड मे लाखो रुपए खर्च कर सेड का निर्माण तो करा दिया है,, लेकिन वंहा बस नही ऐंजटो की मोटरसाईकिल और बरसात का गंदा पानी जमा रहता है। इतना ही नही बरसात होने पर बेकाम सेड का पानी सीधे गुमटियो के सामने गिरता है,, और फिर पानी के निकासी की व्यवस्था ना होने से यंहा कई दिनो तक गंदे जल का भराव रहता है,, जिससे बस का ये अड्डा बिमारी का अड्डा बनता जा रहा है,, और इस गंदगी के सामने व्यवसाय करने वाले गुमटी वालो मे बिमारी का खतरा भी मंडराने लगा है।

आम लोगो की दम तोडती प्रतिक्षा के बाद शहर के अंतराज्यीय प्रतिक्षा बस स्टैंड का शुभारंभ आनन फानन मे तो करा दिया गया था, लेकिन इस दौरान ठेकेदार ने कुछ ऐसी फूर्ती दिखाई कि उनके द्वारा बस स्टैंट मे बनाई सडक पहली ही बारिश की भेंट चढ गई। और सडके छोटे छोटे तालाब मे तब्दील हो गई है। जिससे यात्रियो को काफी परेशानियो का सामना करना पड रहा है। इतना ही नही निगम के अधिकारियो की मनमानी और उदासीनता के कारण यंहा यात्रियो को कई मूलभूत सुविधाओ से भी वंचित रहना पडता है।

कुछ गुमटी संचालको से चर्चा के दौरान

 

  1. हरकेश कुमार यादव(फल व्यवसायी)–  लाईट तो है ही नही ऊपर से यंहा की गंदगी और बरसात के गंदे पानी का भराव मच्छर और बिमारी का खतरा का बढ गया है,,
  2. राधेश्याम मिश्रा (पान ठेला संचालक) गुमटियो के सामने बिना उपयोग से सेड लगा दिया गया है, जिसका पानी गुमटियो और उसके सामने गिरता है, सामने मिट्टी की सडक है ,जिससे कीचड और गंदगी होता है, ग्राहक आते नही है, निगम वालो से कई बार बोला लेकिन सुनने वाला कोई नही है।
  3. धर्मपाल गुप्ता- गुमटियो के सामने लगे सेड मे बस तो आज तक खडी नही हुई, बल्कि ऐंजेंटो की मोटरसाईकिल जरुर खडी रहती है, इसकी शिकायत एक बार महापौर से तो कई बार बस स्टैंड की चौकी मे किया गया ,लेकिन किसी को कोई फर्क नही पडता है।
  4. धन्नजंय सिंदे(चाय बेंचने वाला) लाईट ना होने होने की वजह से शाम ढलने के पहले ही दुकान बढाना पडता है,, और किसी तरह रात मे रुकते है,, तो सामने की गंदगी के ना ग्राहक आते है,, और ना ही मच्छर रहने देते है।
  5. संजय केशरी( चांट की गुमटी का संचालक)- लाईट नही बाबू , गंदगी कीचड रहता है। खाने का सामान बेंचता हूं ,गंदगी देखकर ग्राहक नही आते है।
  6. राजू केशरवानी( चाट गुमटी संचालक)- गुमटी के सामने कीचड और गंदगी रहता है, लाईट नही रहती है, जिससे कभी कभी ज्यादा माल बच जाता है,, जिसे फेंकना पडता है, और काफी नुकसान हो जाता है।