भारत-पाक के सीमा सुरक्षा बल पिछले कई वर्षो से मुख्य धार्मिक त्योहार ईद और दिवाली तथा दोनों देशों के स्वतंत्रता दिवस पर मिठाइयों के आदान-प्रदान की परंपरा निभाते आ रहे हैं. लेकिन इस साल दिवाली पर यह परंपरा टूट गई। उरी आंतकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर उपजे तनाव का असर इस बार दीपावली पर साफ़ नज़र आया। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में बढ़ते तनाव के मद्देनज़र भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए दिवाली के मौके पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर मिठाइयों का आदान प्रदान नहीं किया।
माना ये जा रहा है कि बीएसएफ ने उरी हमले के साथ-साथ पिछले दिनों अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं के विरोध में यह फैसला लिया, जिसमें एक भारतीय जवान शहीद हो गया था। जब से भारतीय सेना ने 29 सितंबर को पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की है, तब से लगातार पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। अभी तक पाक की तरफ़ से जितने हमले किये गये हैं, उनमें भारत के चार सुरक्षा कर्मियों सहित कुल पांच लोगों की जान जा चुकी है और 34 घायल हो चुके हैं।
बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को नियंत्रण रेखा पर कुपवाड़ा सेक्टर में आतंकियों ने एक भारतीय जवान की नृशंस हत्या कर दी थी, जिसके रोष में बीएसएफ ने यह फैसला लिया है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर उन आतंकवादियों का समर्थन कर रहा है, जिन्होंने पिछले महीने उरी में सैन्य शिविर पर हमला किया।
ऐसा नहीं है कि मिठाइयों का आदान-प्रदान पहली बार नहीं हुआ है। बीते कई वर्षो में सीमा रक्षक बल कई मौकों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान टाल चुके हैं। मिठाइयों का आदान-प्रदान मुख्य रूप से अटारी-वाघा बॉर्डर पर किया जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा है।