विपक्ष की चुप्पी पर भी सवालियां निशान… ?
कोल परिवहन का ठेका किसको….. ?
दलाली कर रहा है एक युंका नेता…. ?
अम्बिकापुर(खबरपथ)– सरगुजा के उदयपुर विकासखण्ड स्थित केरता गांव मे अदानी कंपनी के द्वारा कोयला उत्खनन्न जिस रफ्तार से किया जा रहा है,, उससे यह नकारा नही जा सकता है कि यह कंपनी अपने निश्चित समय मे अपने लक्ष्य से ज्यादा कोय़ला खोद कर इस क्षेत्र को बडे गड्ढो का नाम देगा। इस बीच कंपनी के नियम विरुद्द कार्यो को लेकर आज तक सरगुजा के किसी भी राजनितिक दल इसका कभी कोई विरोध नही किया, जो कई सवालो को जन्म देता है,,
आदानी कंपनी के आगमन से लेकर कोल उत्पादन करने तक मे क्या कारण है कि विपक्ष यानी कांग्रेस ने अपने आप को बचाया। जंगलो की अंधाधुंध कटाई, भूमि अधिग्रहण मे कंपनी के गुर्गो का आंतक, मुआवजा बांटने मे व्यापक पैमाने मे गडबडी , क्षेत्र के किसी भी युवा को कोई भी रोजगार अब तक नही दिया जाना कंपनी की मंशा को स्पष्ट करता है,, इसके बावजूद कंपनी का विरोध क्यो नही,, सवाल कई है लेकिन सवाल करने वाला कोई नही है,, ये दुर्भाग्य है कि सरगुजावासियो का, कि जिले के आठ विधायक और एक सांसद कंपनी के पिछलग्गू बन कर घूम रहे है। हद को तब हो गई जब आदानी कंपनी के ट्रको को शहर के गाँधी चौक मे मूडने मे खासी दिक्कत को सामना करना पड रहा था , तब प्रशासन ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा तक को किनार कर दिया , इसके बाद भी सरगुजा महतारी के लालो को कोई फर्क नही पडा,, शर्म आता होगी सरगुजामहतारी को भी कि उसके पुत्र रुपयो की चकाचौंध मे जब राष्ट्र पिता के बारे मे नही सोंचते है तो आने वाले समय मे अदानी की तरह ही दर्जनो कंपनियां जब उसके कपडे रुपी जंगलो को नोंच रही होगी,, तो भी इन्हे कोई फर्क नही पडेगा।
हांलाकि अदानी कंपनी को अपने ढंग से काम करने की छूट राज्य और जिला प्रशासन ने दे रखी है,, जिसकी भनक आम सरगुजा वासियो को ना लगे इसके लिए कंपनी सामुदायिक विकास की खोखली धोषणाए लागातार करती रहती है ।इस बीच सबसे मह्त्वपूर्ण बात यह है कि आदानी कंपनी से पहले इफको पावर लिमटेड ने भी उदयपुर क्षेत्र मे भूमि अधिग्रहण करने का काम शुरु किया था,, लेकिन इफको पावर को लेकर पूरे जिले भर मे जो विवाद गहराया, उसके कंपनी बुनियाद तक हिल गई,, लिहाजा कंपनी को बोरिया बिस्तर अभी तक बंद पडा है,, इस बात को सरगुजावासी भंली भांति जानते है। आदानी की बात करे तो इसके आगमन से लेकर भूमि अधिग्रहण से लेकर मुआवजा बांटने तक मे क्षेत्र के ग्रामीणो को खासी दिक्कतो का सामना करना पडा, लेकिन क्षेत्र वासियो की समस्याओ को दरकिनार करते हुए किसी भी राजनैतिक दल ने ध्यान नही दिया। बल्कि नौबत यंहा तक आ गई कि विपक्षी दल कांग्रेस के कुछ नेता कंपनी के गुणगान करने लगे ,,तो कुछ कंपनी की दलाली । ऐसे मे ये नेता कंपनी के विरोध के बारे मे भला कैसे सोचेंगे,, और जो नेता विरोध करने की जरुरत करेगा,, उसको भी ये अपने ढंग से शांत कराने मे लग जाते है,,
हाल मे ऐसा ही हुआ,, मामला ट्रक मालिक संध से जुडा था,, ट्रक मालिक संघ कोयला परिवहन मे अंबिकापुर के ट्रको को प्राथमिकता देने की मांग पर अडा था , और ट्रक मालिक संध ने इस मांग को लेकर लंबी हडताल करते हुए,, कंपनी का कोल परिवहन पूरी तरह से ठप्प कर दिया था। इस बीच मामला शांत करने के लिए अदानी के अधिकारीयो ने सीधा ट्रक मालिक संघ के लोगो से संपर्क किया । लेकिन फिर भी बात नही बनी,, फिर दौर शुरु हुआ दलालो का,, जिसमे ट्रक मालिक संघ के कुछ सदस्य तो कुछ राजनैतिक दल के नेता भी शामिल थे। जब इनकी भी नही चली तो प्रशासन ने हस्ताक्षेप कर संघ पर कारवाही की चेतवानी देते हुए,, कोल परिवहन शुरु करा दिया।
इस मामले के बाद आदानी की मेनेजमेंट स्कील सबके सामने आ गई थी। सूत्रो की माने तो कंपनी ने पक्ष और विपक्ष के दो दबंग नेताओ को बतौर चुनाव खर्च ,, लंबा चौडा काम दे दिया, जिस अब उसका मालदार काम को उनके चेले चपाटी संभाल रहे है। जानकारी तो यंहा तक है कि आदानी ने गुपचुप तरीके से अपने काम को अंजाम देने के लिए छुटभय्यो से लेकर बडे नेताओ को अब तक करोडो रुपया बांट दिया है। और इनमे से एक युंका नेता तो अंबिकापुर मे कंपनी की खुलकर दलाली कर रहे है। आलम तो ये है कि अगर आप कंपनी की करतूतो को बापर्दा करने के लिए सूचना का अधिकार लगाएगे तो प्रदेश स्तर को वो युंका नेता आप पर दबाव बनाना शुरु कर देगा।