अम्बिकापुर–देश दीपक “सचिन”
बरसात के जाते ही प्राकृतिक रूप से इस वर्ष भी शहर में मच्छरों के आतंक से लोग बीमार होने लगे है, नालियों में गड्ढो के भरे पानी में मच्छरों का पनपना स्वाभाविक प्रक्रिया है लेकिन इस पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम के स्वास्थ अमले ने अब तक कोई विशेष पहल नहीं की है, लिहाजा शहर के वार्डो में शाम होते ही लोगो का घर के बाहर रहना दूभर हो रहा है, शहर में मच्छरों की संख्या इतनी अधिक है की घरेलू उपचार से इसे काबू करना मुश्किल हो रहा है, लेकिन नगर निगम के द्वारा शहर वासियों को मच्छरों की समस्या से छुटकारा देने के लिए ना तो दवाइयों का छिडकाव किया गया है और ना ही अन्य कोई उपाए किये गए है, परिणाम स्वरुप लोग बीमारी से ग्रस्त हो रहे है, और अस्पतालों में मरीजो की भीड़ बढ़ रही है,
शहर में लगी झाडिया भी बड़ी वजह
गौरतलब है की नालियों में मच्छर पनपना आम बात है और नालिया भी शहर वासियों के उपयोग के लिए ही है लेकिन शहर के अन्दर कुछ ऐसे घर और कुछ ऐसी खाली पड़ी जमीने है जहां पर खरपतवार जैसी झाडिया लगी हुई है जिनका कोई उपयोग नहीं है इन झाड़ियो से बीमारिया और मच्छर ही पनपते है, लेकिन इन झाड़ियो को ना तो यहाँ निवासरत लोग काटते है और ना ही निगम प्रशासन इस ओर कोई ठोस कदम उठा रहा है, लिहाजा झाड़ियो में भी वृहद संख्या में मच्छरों का डेरा देखा जाता है जो लोगो के लिए जानलेवा बना हुआ है, बहारहाल मच्छरों के कटाने से होने वाली बीमारी मलेरिया ने तो जिले में पैर पसार लिए है, अत्याधिक संख्या में मलेरिया के मरीज आ रहे है लेकिन अब तक डेंगू की चपेट से अम्बिकापुर शहर बचा हुआ है, लेकिन अगर जल्द ही प्रशासन ने इन मच्छरों की समस्सया के लिए कोई कदम नहीं उठाया तो यह शहर डेंगू की चपेट में भी आ सकता है,
उर्मिला गुप्ता… मच्छरों से तंग महिला वार्ड वासी
शहर के जरहागढ़ बंगाली मैदान निवासी महिला ने बताया की बारिश के रुकते ही शाम 5 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल हो जाता है, लाखो की संख्या में मच्छर मंडराते रहते है, और घर के सामने लगी बेवजह की झाड़ियो में तो मच्छरों का बड़ा जुंड रहता है, लेकिन निजी जमीन पर होने के कारण इन झाड़ियो को भी नहीं काट सकते है, इन्होने यह भी बाताया की मच्छरों की समस्या से पीने का पानी भरना भी दूभर हो गया है, दरअसल इनके क्षेत्र में नगर निगम की जल सप्लाई शाम के समय होती है और उस वक्त मच्छरों का ऐसा आतंक होता है की घर का दरवाजा खोलते ही सारे मच्छर घर में प्रवेश कर जाते है वही बाहर नल के पास खडा रहना भी मुश्किल हो जाता है,
अखिलेश ठाकुर….व्यवसाई
मच्छरों की समस्या के लिए सैलून संचालक अखिलेश ने बताया की शाम होते ही दुकान में काम करना मुश्किल हो जाता है इतनी अधिक संख्या में मच्छर होते है, इन्होने निगम से अपील की है की मच्छरों को मारने के लिए दवाई का छिडकाव कराया जाए,
डॉ.के.आर.टेकाम…चिकित्सक
इस सम्बन्ध में डॉ. के आर टेकाम ने बताया की मच्छरों का लारवा रुके हुए पानी के गंदा हो जाने से पनपता है, और बरसात के बाद बारिश का पानी गड्ढो में भर जाता है जिस वजह से उसमे लारवा पैदा हो जाते है और वह मच्छर बन कर बीमारियाँ फैलाते है, यही कारण है की बारिस के बाद के इस सीजन को मच्छरों का सीजन माना जाता है, इन्होने यह भी बताया की मच्छर पैदा गंदे पानी में होते है लेकिन झाड़ियो को अपना ठिकाना बनाते है, अगर बेवहज की झाडिया ना हो तो मच्छरों को ठिकाना भी नहीं मिलेगा और दूसरी और पानी को ना रुकने देना व डी.टी.टी.के छिडकाव की सहाल भी दी है,
अजय अग्रवाल..डिप्टी मेयर नगर निगम अम्बिकापुर
इस सम्बन्ध में नगर निगम के डिप्टी मेयर अजय अग्रवाल ने बताया की निगम के द्वारा फोगिंग मशीन से दवाई का धुएं के जरिये हर वार्डो में छिडकाव कराया जा रहा है और जैसे ही बारिस का बंद होना सुनिश्चित होगा वैसे ही शहर के उन जगहों से पानी निकासी कारे जाएगी जहा पर पानी रुकता और उसमे मच्छर पनपते है, झाड़ियो को हटाने के सवाल पर श्री अग्रवाल ने कहा की सार्वजनिक स्थानों से तो समय समय पर ऐसी झाड़ियो को कटवा दिया जाता है लेकिन अगर किसी की निजी सम्पत्ति में झाडिया लगी हो तो वहा पर निगम के अधिकार सीमित है, उनको निगम नोटिस या समझाईस ही दे सकता है ऐसी समस्सया के लिए मोह्गाल्ले वासियों को सक्षम अधिकारी से शिकायत करना चाहिए जिससे नियमानुसार कार्यवाही हो सके,