[highlight color=”orange”]परिजनों ने किया हंगामा, पीएम कराने की करते रहे मांग[/highlight]
[highlight color=”black”]अम्बिकापुर[/highlight][highlight color=”red”] “दीपक सराठे” [/highlight]
जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज मे स्टाफ की लापरवाही तो हमेशा सुर्खियों में रहती ही है, परंतु आज एक बालक की मौत के बाद लापरवाही खुलकर उजागर हुई। बालक को इंजेक्शन लगते ही उसने दम तोड़ दिया। हंसते-खेलते बालक की इंजेक्शन लगते ही मौत हो जाने व उसका हाथ काला पड़ जाने को देख परिजन दहाड़ उठे। परिजनों ने साफ तौर पर बच्चा वार्ड के स्टाफ पर आरोप लगाया कि गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने से बच्चे की मौत हुई है। दूसरी तरफ चिकित्सक अपनी सफाई देते रहे। परिजनों ने बच्चे के पीएम कराने की भी मांग की, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
जानकारी के अनुसार दरिमा थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदकालो निवासी शनि कुमार ने अपने 9 माह के बच्चे प्रिंस को 28 जुलाई की रात जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में दाखिल कराया था। चिकित्सकों के अनुसार बच्चें को सांस व उल्टी की शिकायत थी। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि उसकी हालत ठीक नहीं थी। दाखिल होने के तीसरे दिन आज सुबह दूसरे डॉक्टर योगेंद्र अग्रवाल ने वार्ड का दौरा करते हुये उक्त बच्चे को देखा और हाईड्रोकार्टिसोन नामक इंजेक्शन लगाने के लिये स्टाफ को कहा। परिजनों के अनुसार कल रात से बच्चे की हालत में काफी सुधार था। आज सुबह वह हंस-खेल रहा था। चिकित्सक के निर्देश के बाद स्टाफ नर्स ने बच्चे को इंजेक्शन न लगाकर अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिये पहुंची प्रशिक्षिका से इंजेक्शन लगाने को कहा। जैसे ही बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया, वैसे ही बच्चे की मौत हो गई और उसका हाथ काला पड़ गया। यह देख परिजन घबरा गये। एक लौते बच्चे की मौत ने मानों उन्हें बदहवास सा कर दिया था। माता-पिता दहाड़े मार-मार कर रोने लगे। उनके साथ परिवार के कई लोगों ने हंगामा भी खड़ा कर दिया। परिजनों का कहना था कि अभी कुछ देर पहले ही हमारा बच्चा हंस खेल रहा था। अचानक इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी सांसे थम गई। परिजनों ने वार्ड के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बहरहाल परिजन बच्चे के पोस्टमार्टम किये जाने की मांग कर रहे थे।
[highlight color=”blue”]पैदा किये हो तो खुद ही संभालो-[/highlight]
परिजनों ने बच्चा वार्ड की मौजूदा स्टाफ नर्स पर गंभीर आरोप लगाते हुये मिडिया के सामने बताया कि बच्चे की हालत बिगडने पर वे स्टाफ नर्स के सामने अपना दुखड़ा सुना रहे थे। इस पर स्टाफ नर्स ने साफ तौर पर कहा कि जब बच्चा पैदा किये हो तो खुद ही संभालो। बहरहाल परिजनों का यह आरोप कितना सच्चा है इसकी पुष्टि तो स्टाफ नर्स ने नहीं की, परंतु इस प्रकार के कई मामले पहले भी बच्चा वार्ड में घटित हो चुके हैं।
[highlight color=”blue”]सांस नली में खाद्य पदार्थ फंसने से मौत-डॉ रेलवानी[/highlight]
भर्ती होने के बाद से ही बच्चे का उपचार कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रेलवानी ने बताया कि वे लगातार हर दिन आकर बच्चे की हालत देख रहे थे। हालांकि कल रात से हालत में कुछ सुधार था। आज सुबह डॉक्टर योगेंद्र अग्रवाल वार्ड के दौरे में आये थे। उन्होंने बच्चे को देख हाईड्रोकार्टिसोन जीवन रक्षक इंजेक्शन लगाने स्टाफ को कहा था। इंजेक्शन लगने के बाद अचानक बच्चे की सांस नली में खाद्य पदार्थ आ जाने से उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि सांस नली में खाद्य प्रदार्थ आ जाने के बाद उनके व स्टाफ के द्वारा पाईप लगाकर उसे बाहर निकालने का काफी प्रयास किया गया, परंतु वे बच्चे को नहीं बचा पाये।