- महान -4 के लिए राजपत्र में प्रकाषित हुई अधिसूचना
- रात के अंधेरे में चस्पा किया गया नोटीफिकेशन – ग्रमीणों में आक्रोश
[highlight color=”black”]प्रतापपुर[/highlight] [highlight color=”red”]से राजेश गर्ग [/highlight]
एसइसीएल की मदननगर खुली खदान परियोजना (महान 4) के लिए रात के अंधेरे में ग्राम मदननगर, जगन्नाथपुर, चौरा, कनकनगर में नोटिफिकेशन चस्पा किये जाने के बाद,, सुबह होते ही चारों ग्रामों में विरोध के सुर सुनाई देने लगे है। आनन फानन में अपने भूमि, आवास पर मंडराते खतरे को देखते हुए, अपने अतित्व को बचाने ग्रामीण एकजुट होते नजर आ रहे है। सभी ने एक स्वर मे ये आवाज उठाना शुरु कर दी है कि वो अपनी भूमि किसी भी स्थिती मे एसइसीएल को नहीं देंगे । इतना ही नही ग्रामीणो ने अपना विरोध एसइसीएल एवं कलेक्टर के समक्ष दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
[highlight color=”red”] खदान का स्वरुप और प्रभाव [/highlight]
विश्रामपुर क्षेत्र के अब तक का सबसे बड़ा खदान मदननगर खुली खदान प्रयोजना के लिए भारत सरकार ने गजट नोटिफीकेशन प्रकाशित कर दिया है। गजट प्रकाशन के साथ ही खदान खोलने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है पांच हजार दो सौ एकड़ में फैले इस खदान के खुलने से हजारों परिवार प्रभावित होगें। दस मिलियन टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता वाले इस खदान की आयु लगभग तीस वर्ष की होगी। खदान खुलने की सुगबुगाहट मात्र से ही ग्रामिणों में भारी आक्रोष है विगत दो दिनों से ग्रामिण बैठक कर आंदोलन करने व विरोध करने के साथ दावा आपत्ति करने की रूप रेखा तैयार कर रहे हैं ग्रामिणों की रूप रेखा से एसइसीएल में मचा हड़ंकप।
[highlight color=”black”]धारा 7 क्या है [/highlight]
भारत सरकार द्वारा खदान खोलने के पूर्व गजट नोटिफिकेशन जारी कर प्रभावित ग्राम पंचायत के सरपंच को देकर पंचायत भवन में चस्पा कर ग्रामिणों को सूचना दी जाती है ताकि ग्रामिण प्रकाशित तिथि के एक माह के अंदर अपना दावा आपत्ति लिखित में सबंधित अधिकारी के पास दर्ज करा सकें। खदान के विरोध में प्राप्त दावा आपत्ति का निराकरण भारत सरकार द्वारा किया जाता है। तब जाकर खदान खोलने हेतु आगे की प्रक्रिया प्रारंभ होती है धारा 8 और 9 के प्रकाशन के बाद खदान खोलना लगभग तय माना जाता है। जानकारो का मानना है कि धारा 7 के प्रकाशन के बाद एक माह के अंदर मतनब 4 अगस्त तक ग्रमिणाों ठोस कारणों कारणों सहित आपत्ति दर्ज कराना होगा ताकि नियमानुसार तरीके से खदान को खोलने से रोका जा सके अन्यथा धारा 8 और 9 के प्रकाशन के बाद खदान को रोकना संभव नहीं होगा। विस्थापन के भय से प्रभावित गावों के लागों में भारी आक्रोष दिखायी दे रहा है। ग्रमिणों को इस समयावधि में नियमानुसार खदान के विरोध में आपत्ति दर्ज कराने की आवष्यक्ता है। ताकि सरकार धारा 8 और 9 का प्रकाषन न कर सके।
[highlight color=”black”]रात के अंधेरे में चस्पा किया गया नोटीफिकेषन[/highlight]
ग्रामीणों ने एसइसीएल प्रबंधन पर रात के अंधेरे में चोरी छिपे नोटीफिकेशन पंचायत भवन पर चिपकाने का विरोध करते हुए कहा की कभी भी एसइसीएल के कर्मचारी गांव में आकर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दिए, प्रभावित ऐरिया कि या योजनाओं की जानकारी देना तो दूर कभी भी किसी जनप्रतिनिधि, सरपंच से कोई चर्चा नहीं की गई।
[highlight color=”black”]प्रशासनिक रवैया[/highlight]
ग्रामीणों नें शासन एवं प्रशासन से भी जनता के हित की अनदेखी कर एसइसीएल का ही साथ दिया जा रहा है जिससे क्षेत्र की जनता में एसइसीएल के साथ साथ प्रषासन के प्रति आक्रोष बढ़ता जा रहा है।
[highlight color=”black”]दो गांवों का अस्तित्व होगा समाप्त [/highlight]
मदननगर खुली खदान परियोजना से चौरा, जगरनाथपुर , मदननगर, कनकनगर 4 गावों प्रभावित होगें जिसमें से 2 गावं मदननगर और जगरनाथपुर गांव का अस्तित्व ही महान-4 एवं महान-3 खुलने से समाप्त होने की संभावना है। इन गांवों के हजारों परिवारों को बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है महान-4 खदान हेतु करीब 52सौ एकड़ जमीन का चिन्हाकंन खान प्रंबधन ने किया है। खुली खदान परियोजना होने से दो गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा।
विरोध के लिए ग्रामीण लामबद्ध :- महान-4 खदान खुलने की गजट प्रकाषन की जानकारी गांव मे पहुंचते ही मदननगर समेत अन्य तीनो गांवों के लोगों ने प्रबंधन के प्रति भारी आक्रोष है मदननगर के ग्रामीण विगत दो दिनों से बैठक कर खदान के विरोध की रणनिति बना रहे हैं। ग्रमिणों ने खदान के विरोध में हर स्तर पर अपना आपत्ति दर्ज कराने का मन बना लिया है। दावा आपत्ति के बाद ही खदान चालू करने की मुहिम से नहीं हटेगें। ग्रामिण किसी भी कीमत पर खदान खोलने के पक्ष में नहीं है।ग्रामिणों का कहना है कि अपने सम्पूर्ण पैतृक सम्पति के एवज में पैसा लेकर कहा जायेंगें। बेघर होकर वे अपने परिवार की परवारिश कैसे करेगें । ग्रामीणो का कहना है कि 4 अगस्त तक दावा आपत्ति करना है तो प्रबंधन एक अधिकारी नियुक्त कर गांव में भेजन चाहिए जो ग्रामिणों को एकत्र कर सके जिससे गांव के गरीब अपनी आपति आसानी से दर्ज करा सके। सूरजपुर और भटगांव जाकर तो सभी ग्रामिण चाहकर भी दावा आपति दर्ज नहीं करा पायेगें। इस ओर प्रषासन एवं एसइसीएल प्रबंधन को ध्यान देने की आवष्यक्ता हैं।
[highlight color=”black”]ग्रमीण हुए एकजुट की नारेबाजी[/highlight]
एसइसीएल प्रबंधन द्वारा महान-3 खदान खुलने के पूर्व ही महान-3 की प्रक्रिया प्रारंभ करने से खदान विरोध में शामिल ग्रामीण एकजुट हो रहें हैं जिसमें माहन-4 की प्रक्रिया पर भी असर पड़ने की सम्भावना हैं एसइसीएल प्रबंधन खदान खुलने से क्षेत्र में विकास का दावा कर रहा हैं तो हजारों की संख्या में प्रभावित परिवारों को बेघर होना भय सता है जो भविष्य में बड़े आंदलोन का करण बन सकता है। गजट नोटिफिकेषन प्रकाषन की सूचना मिलने पर ग्रमिण विरोध में उतर आये और जमकर नारेबाजी की।
एसइसीएल भटगांव के राजस्व अधिकारी प्रदीप नौटियाल ने कहा कि मदन नगर खुली खदान हेतु करीब बावन सौ एकड़ भूमि हेतु धारा 7 का गजट प्रकाषन भारत सरकार द्वारा प्रकाषित कर दिया गया है लिखित में कारणों सहित आपत्ति दर्ज कराना होगा आपत्तियों के निराकरण के पष्चात् ही प्रक्रिया पुरी होगी।
लाल संतोष सिंह ,जनपद उपाध्यक्ष ,प्रतापपुर
एसइसीएल द्वारा मदननगर खुली खदान परियोजना( महान-4) के लिए जारी नोटीफिकेशन का हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जायेगा किसी भी स्थिती में प्रभावी ग्रामो के ग्रामीण अपनी भूमि एसइसीएल को नहीं देगें हम सभी अवष्यक दस्तावेजो के साथ वैधानीक तरीके से विरोध दर्ज करेगें न्याय नहीं मिलने पर न्यायालय में जायेगें।