अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अम्बिकापुर शहर से लगे ग्राम सरगंवा में एक हैरतअंगेज और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पूरे गांव में भय का माहौल पैदा कर दिया है। गांव में 28 दिसंबर को आयोजित निकाली पूजा के दौरान एक ऐसे बकरे की बली दे दी गई, जिसे पहले एक कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद उस बकरे का मांस गांव के लोगों में बांट दिया गया, जिसे 350 से अधिक ग्रामीणों ने सेवन किया।
ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त बकरा गांव के सरपंच नारायण प्रसाद और उपसरपंच कृष्णा सिंह द्वारा गांव के ही निवासी नान्हू राजवाड़े से खरीदा गया था। बकरे को कुत्ते द्वारा काटे जाने की जानकारी होने के बावजूद उसकी बली देकर मांस ग्रामीणों को खिलाया गया। इस घटना की जानकारी जब ग्रामीणों को भोजन करने के बाद हुई, तो गांव में हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों में रेबीज संक्रमण को लेकर भारी डर बना हुआ है। गांव के लोग सहमे हुए हैं और स्वास्थ्य विभाग से गांव में कैंप लगाकर जांच व उपचार की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण अमरजीत ने बताया कि 28 दिसंबर को गांव में निकाली पूजा के दौरान एक बकरे को पागल कुत्ते ने काटा था, उसी बकरे की बली देकर गांव के लोगों को खिला दिया गया, जिससे करीब 400 लोगों पर रेबीज का खतरा मंडरा रहा है।
वहीं, गांव के ही अमृत हलदार ने बताया कि त्यौहार के दिन बकरे का मांस खाने के बाद उन्हें पता चला कि जिस बकरे को खिलाया गया था, उसे कुत्ते ने काटा था। इसके बाद से गांव में भय का माहौल है और 300 से अधिक लोग चिंतित हैं।
फिलहाल इस पूरे मामले में गांव के सरपंच और उपसरपंच की ओर से कोई भी पक्ष या सफाई सामने नहीं आई है। ग्रामीण अब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं, ताकि किसी बड़ी अनहोनी से बचा जा सके।
