रायगढ़। जिले में कोयला खदान के खिलाफ चल रहा ग्रामीणों का आंदोलन अब धीरे-धीरे समाधान की ओर बढ़ता दिख रहा है। हाल ही में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन इसके बाद जिला प्रशासन ने पहल करते हुए ग्रामीणों के साथ द्विपक्षीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी, जिससे विवाद के सुलझने की उम्मीद जगी है।
बैठक के दौरान ग्रामीणों की प्रमुख मांग जनसुनवाई को निरस्त करने को लेकर थी, जिस पर प्रशासन ने सहमति जताई है। कलेक्टर द्वारा जनसुनवाई निरस्त करने की अनुशंसा करते हुए राज्य शासन को औपचारिक पत्र भेज दिया गया है। हालांकि, ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित और ठोस आदेश जारी नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन समाप्त करने का अंतिम फैसला नहीं लिया जाएगा।
गौरतलब है कि रायगढ़ जिले में जेपीएल कोयला खदान के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीणों को हटाने पहुंची पुलिस के साथ शनिवार को हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, ने तमनार थाना प्रभारी कमला पुषाम पर हमला कर दिया। हमले में थाना प्रभारी गंभीर रूप से घायल हो गईं और बेहोश होकर गिर पड़ीं। वहीं, एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा सहित कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए।
घटना के बाद हालात बेकाबू हो गए। उपद्रवियों ने पुलिस वाहनों और एम्बुलेंस को आग के हवाले कर दिया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद स्थानीय अस्पताल और कुछ को रायगढ़ रेफर किया गया। फिलहाल प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और बातचीत के जरिए विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास कर रहा है।
