
अम्बिकापुर। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा 24 दिसंबर को भारत मंडपम, नई दिल्ली में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस उत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम “डिजिटल न्याय के माध्यम से कुशलता पूर्वक त्वरित निपटान” रखी गई है, जिसमें देशभर से उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस गरिमामयी आयोजन में छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा नामित 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी सहभागिता करेगा, जिसमें जिला उपभोक्ता आयोग अंबिकापुर के सदस्य नवनी कान्त दत्ता शामिल हैं।
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के राज्य एवं जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष, सदस्य और अधिकारी आमंत्रित किए गए हैं। छत्तीसगढ़ से नामांकित प्रतिनिधिमंडल में राज्य उपभोक्ता आयोग रायपुर से रजिस्ट्रार श्रीनिवास तिवारी एवं सदस्य प्रमोद वर्मा, जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्षों में आनंद कुमार सिंघल (बिलासपुर), छमेश्वर लाल पटेल (रायगढ़), रंजना दत्ता (कोरबा), डाकेश्वर प्रसाद शर्मा (रायपुर) तथा सदस्यों में अरविंद परिहार (धमतरी), संध्या वाजपेयी (दुर्ग), विशाल तिवारी (जांजगीर-चांपा) और नवनी कान्त दत्ता (अंबिकापुर) सम्मिलित हैं।
इस संबंध में जिला उपभोक्ता आयोग सरगुजा के सदस्य नवनी कान्त दत्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से उपभोक्ता विवादों के डिजिटल माध्यम से त्वरित और प्रभावी निपटान की दिशा में लगातार महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। भविष्य में सभी उपभोक्ता आयोगों को पेपरलेस बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, ताकि न्याय प्रक्रिया और अधिक आधुनिक, पारदर्शी एवं सुलभ हो सके।
उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य के सभी उपभोक्ता आयोगों, जिनमें सरगुजा जिला भी शामिल है, में ई-जागृति पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन और ई-हियरिंग की सुविधा प्रारंभ की गई है। इसकी नियमित निगरानी राज्य आयोग द्वारा की जा रही है, जिससे दूरस्थ अंचलों में रहने वाले उपभोक्ता भी घर बैठे अपनी शिकायत दर्ज करा सकें और सुनवाई में प्रभावी रूप से भाग ले सकें।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं और न्याय व्यवस्था के बीच की दूरी को कम करना तथा न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, किफायती, सुलभ और प्रभावी बनाना है। इस आयोजन से डिजिटल न्याय प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में देशव्यापी प्रयासों को नई गति मिलने की उम्मीद है।




