
अम्बिकापुर। प्रदेश युवा कांग्रेस आरटीआई विभाग के अध्यक्ष हिमांशु जायसवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2025 की पीजी मेडिकल सीटों को लेकर जारी 75 प्रतिशत ओपन मेरिट अधिसूचना पर तीखी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे प्रदेश के होनहार मेडिकल छात्रों और युवा डॉक्टरों के भविष्य के साथ सीधा अन्याय करार दिया है। हिमांशु जायसवाल ने कहा कि यह निर्णय साफ दर्शाता है कि भाजपा सरकार को न तो छत्तीसगढ़ के युवाओं की चिंता है और न ही राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की कोई गंभीर मंशा।
उन्होंने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों ने वर्षों तक कठिन परिश्रम किया, सरकारी अस्पतालों और ग्रामीण अंचलों में सेवाएं दीं, लेकिन आज उसी राज्य में पीजी की कुल सीटों में से उन्हें केवल 25 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है। शेष 75 प्रतिशत सीटें बाहरी राज्यों के छात्रों के लिए खोल देना छत्तीसगढ़ के छात्रों के अधिकारों का सीधा हनन है।
युवा कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का यह फैसला स्थानीय डॉक्टरों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने वाला है, जिसका सीधा असर भविष्य में राज्य के सरकारी अस्पतालों पर पड़ेगा। विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी उत्पन्न होगी और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। जो छात्र यहीं पढ़े, यहीं प्रशिक्षण लिया और सेवा दी, वही आज सबसे अधिक उपेक्षित हो रहे हैं।
हिमांशु जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और युवा कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि राज्य के संसाधनों पर पहला अधिकार राज्य के युवाओं का होना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार बार-बार ऐसी नीतियां बनाकर छत्तीसगढ़ के युवाओं के हितों के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने मांग की कि 75 प्रतिशत ओपन मेरिट वाली अधिसूचना को तत्काल रद्द किया जाए, राज्य के स्थानीय छात्रों के लिए पर्याप्त आरक्षण सुनिश्चित किया जाए और मेडिकल छात्रों व डॉक्टर संगठनों से संवाद कर एक न्यायसंगत नीति बनाई जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस जनविरोधी निर्णय को वापस नहीं लिया तो युवा कांग्रेस आंदोलन, प्रदर्शन और लोकतांत्रिक संघर्ष के लिए बाध्य होगी। युवा कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।




