
बलरामपुर। राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज कराने के आदेश का छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, बलरामपुर ने कड़ा विरोध किया है। संगठन का कहना है कि यह व्यवस्था न केवल अव्यवहारिक है, बल्कि शिक्षकों की निजता और सुरक्षा के अधिकारों का भी उल्लंघन करती है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष पवन सिंह ने कहा कि मोबाइल फोन शिक्षकों की निजी संपत्ति है और उस पर अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज कराना आपत्तिजनक है। इससे निजी डाटा की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं और यदि किसी भी प्रकार का डाटा लीक होता है या दुरुपयोग होता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग को लेनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार को बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करनी है, तो उसके लिए आवश्यक मशीनें स्वयं उपलब्ध कराई जाएं और उन्हीं के माध्यम से उपस्थिति ली जाए।
जिला अध्यक्ष ने यह भी बताया कि बलरामपुर जिले के कई विद्यालय ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क की गंभीर समस्या है। ऐसे में मोबाइल एप के जरिए अटेंडेंस दर्ज कराना शिक्षकों के लिए अनावश्यक परेशानी का कारण बनेगा। भौगोलिक परिस्थितियों के चलते जिला पूरी तरह मोबाइल नेटवर्क से जुड़ा नहीं है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या विभाग को अपने भारसाधक अधिकारियों पर भरोसा नहीं है, जो विद्यालयों की निगरानी और उपस्थिति की जिम्मेदारी संभालते हैं। संगठन ने राज्य शासन से मांग की है कि शिक्षकों की सुरक्षा, सम्मान और निजता को ध्यान में रखते हुए VSK ऐप आधारित ई-अटेंडेंस के पायलट प्रोजेक्ट पर तत्काल रोक लगाई जाए। साथ ही शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक और अनावश्यक ऑनलाइन कार्यों से मुक्त कर उन्हें मूल शिक्षण कार्य पर केंद्रित होने का अवसर दिया जाए।




