
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बाघ के शिकार के मामले में वन विभाग को पांच दिन बाद बड़ी सफलता मिली है। जांच के दौरान भैंसमुंडा ग्राम पंचायत की महिला सरपंच को बाघ के शिकार में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि बाघ की मौत के बाद उसके नाखून और बाल गायब कर दिए गए थे, जिन्हें बाद में सरपंच के घर से बरामद किया गया। इस कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश लगातार जारी है।
बताया जा रहा है कि घुई क्षेत्र के जंगल में बीते सोमवार को बाघ का शव मिलने से वन विभाग में खलबली मच गई थी। मृत बाघ गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व से निकलकर इस क्षेत्र में पहुंचा था, लेकिन उसकी निगरानी को लेकर जिम्मेदार तंत्र सतर्क नहीं था। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि शिकारियों ने जंगली जानवरों को फंसाने के लिए जंगल में अवैध रूप से तरंगित तार बिछा रखे थे, जिसमें उलझकर बाघ की दर्दनाक मौत हो गई।
मामले की जांच के दौरान वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम को खुफिया जानकारी मिली, जिसके आधार पर भैंसमुंडा ग्राम पंचायत की सरपंच सिस्का कुजूर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। तलाशी के दौरान उनके घर से बाघ के दो नाखून और बाल बरामद किए गए, जिसके बाद उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
इधर, इस पूरे घटनाक्रम को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी गंभीरता से लिया है और पीसीसीएफ से विस्तृत जवाब तलब किया है। सरगुजा संभाग में लगातार सामने आ रहे वन्यजीव शिकार के मामलों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में तरंगित तार के जरिए शिकार के दो दर्जन से अधिक मामले उजागर हुए हैं, बावजूद इसके न तो शिकारी नेटवर्क पर प्रभावी कार्रवाई हो पाई और न ही संबंधित विभागों की जवाबदेही तय हो सकी।




