
नई दिल्ली. केंद्र और यूपी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में भी एक चौंकाने वाला फैसला किया है. भाजपा ने जहां अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा नितिन नबीन को बनाया, वहीं यूपी बीजेपी का अध्यक्ष पंकज चौधरी को बनाकर राजनीतिक पंडितों को अचरज में डाल दिया. इन दोनों चौंकाने वाले फैसले के बाद बड़ी थी बिहार भाजपा अध्यक्ष की. जिस पर भाजपा नेतृत्व ने स्कूटर वाले विधायक को बिठा दिया है. स्कूटर वाले विधायक कोई अनजाना नाम नहीं है लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी में उनको बिठाए जाने का फैसला थोड़ा तो अचरज में डालता है.
चौंकाने वाले फैसले
पिछले कुछ वर्षों से भाजपा का शीर्ष नेतत्व लगातार चौंकाने वाले फैसला कर रहा है. भाजपा के आंतरिक लोकतंत्र के मुताबिक ये यह फैसले भले ही रणनीति का हिस्सा हो पर आम जनमानस के बीच ऐसे फैसले लोगों को अचरज में डालने वाले हैं. पहले बिहार कैबिनेट के मंत्री नितिन नबीन की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ताजपोसी, उसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश की कमान और अब बिहार भाजपा अध्यक्ष के रूप में स्कूटर वाले विधायक का चयन भाजपा के नए रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
क्यों बनाए गए अध्यक्ष
बिहार बीजेपी अध्यक्ष बनाए गए संजय सरावगी सूबे की दरभंगा विधानसभा से विधायक है. संजय सरावगी अपनी साधारण जीवनशैली, और लोगों से सतत संपर्क की वजह से 2005 से लगातार दरभंगा विधानसभा से विधायक चुने जा रहे हैं. संजय सरावगी को अध्यक्ष बनाने के पीछे यही एक वजह नहीं है. संजय जिस मिथिलांचल से विधायक है. वहां हमेशा बीजेपी की पकड़ मजबूत रही है, और उस मजबूती को बरकरार रखने या उसे और मजबूत बनाने के लिए संजय सरावगी सबसे का नेता नजर आए होंगे. इसके साथ ही संजय जिस वैश्य समाज से आते हैं. वो बिहार में बीजेपी का कोर वोटर रहा है, और अपने कोर वोटर को और अधिक भरोसे में लेने के लिए भी बीजेपी ने ये दांव चला होगा.
इसके साथ ही संजय सरावगी की राजनीति की स्टाइल भी अपने आप में अलग है. वो सरकारी खर्चे से दूर अपने घर के सामने रोज जनता दरबार लगाते हैं, और लोगों की समस्याओं को ऑन स्पॉट निराकरण करने का प्रयास करते हैं, और सबसे ख़ास बात की वो अपनी विधानसभा में अक्सर स्कूटर की सवारी करते हैं. इसलिए लोग प्यार से उन्हें स्कूटर वाले विधायक भी कहते हैं.




