
अम्बिकापुर। सीतापुर क्षेत्र में रकबा एवं खसरा में सुधार नहीं होने से नाराज किसानों का आक्रोश मंगलवार को सड़कों पर दिखाई दिया। सैकड़ों किसानों ने धान खरीदी केंद्र राजापुर का घेराव कर दिया और केंद्र के सामने धरने पर बैठ गए। अचानक हुए इस प्रदर्शन से धान खरीदी केंद्र का माहौल काफी देर तक तनावपूर्ण बना रहा। करीब चार घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद अधिकारियों की समझाइश और समस्या समाधान के आश्वासन पर किसानों ने आंदोलन समाप्त किया।
किसानों का कहना है कि धान खरीदी से पहले राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियम अत्यंत जटिल हैं, जिनकी वजह से किसान धान बेचने के लिए लगातार परेशान हो रहे हैं। कभी पंजीयन, कभी एग्रोस्टेक, तो कभी कैरी फॉरवर्ड के नाम पर किसान सोसायटी और दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी उनका काम पूरा नहीं हो पा रहा। नियमों की उलझन के कारण कई किसान धान खरीदी केंद्रों से दूरी बनाने को मजबूर हो गए हैं।
राजापुर धान खरीदी केंद्र में स्थिति तब बिगड़ गई, जब धान बेचने के लिए टोकन कटवाने पहुंचे किसानों का रकबा और खसरा केंद्र के सिस्टम में दिखाई ही नहीं दिया। जबकि किसानों का दावा है कि उन्होंने पंजीयन, एग्रोस्टेक, कैरी फॉरवर्ड सहित सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। इसके बावजूद रकबा-खसरा सिस्टम में दर्ज नहीं होने से टोकन नहीं कट पा रहा था। कई बार प्रयास के बाद भी जब समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसानों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने केंद्र का घेराव कर धरना शुरू कर दिया।
धरने के दौरान किसानों ने सरकार पर धान खरीदी में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिनमें किसान उलझकर रह जाए और अपना धान बेच ही न सके। किसानों ने चेतावनी दी कि जब तक रकबा-खसरा में सुधार कर टोकन जारी नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, जरूरत पड़ी तो उग्र आंदोलन और सड़क जाम से भी पीछे नहीं हटेंगे।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर तहसीलदार राजापुर संजय सारथी सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। शुरुआत में किसान अधिकारियों की बात सुनने को तैयार नहीं थे। हालात इतने बिगड़े कि आक्रोशित किसानों ने धान खरीदी केंद्र के अधिकारी-कर्मचारियों को समिति के भीतर बंद कर बाहर से ताला तक लगा दिया। बाद में अधिकारियों ने धैर्य और सूझबूझ से किसानों को समझाया और उनकी समस्याओं के शीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया। इसके बाद चार घंटे से धरने पर बैठे किसानों ने प्रदर्शन समाप्त किया।
इस संबंध में तहसीलदार संजय सारथी ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है। जल्द ही एक टीम मौके पर पहुंचकर रकबा-खसरा से जुड़ी त्रुटियों का निराकरण करेगी, ताकि किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी न हो।




