
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने वाहन सुरक्षा से जुड़े एक अहम मामले में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए 61 लाख 36 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह राशि कोरबा के सीतामढ़ी निवासी सुमित अग्रवाल को दी जाएगी, जिनकी इनोवा कार दुर्घटना के दौरान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई, लेकिन सुरक्षा के लिए लगे एअर बैग एक भी नहीं खुले।
मामला 23 अप्रैल 2023 का है, जब कोरबा के प्रतिष्ठित व्यापारी अमित अग्रवाल रायपुर से कोरबा लौट रहे थे। ग्राम तरदा के पास सामने से आ रहे वाहन को बचाने के प्रयास में इनोवा कार अनियंत्रित होकर पलट गई और पेड़ से जा टकराई। इस भीषण सड़क दुर्घटना में अमित अग्रवाल को गंभीर चोटें आईं। उनके इलाज पर रायपुर और हैदराबाद में करीब 36.83 लाख रुपये खर्च हुए। हादसे के समय कार के किसी भी एअर बैग का नहीं खुलना पीड़ित के लिए जानलेवा साबित हुआ।
दुर्घटना के बाद कार के स्वामी सुमित अग्रवाल ने टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग, कोरबा में शिकायत दर्ज कराई। कंपनी की अनुपस्थिति के चलते जिला आयोग ने एकपक्षीय आदेश पारित करते हुए नया वाहन या उसके समतुल्य राशि के साथ इलाज में खर्च हुई 36.53 लाख रुपये देने के निर्देश दिए थे।
इस आदेश को चुनौती देते हुए टोयोटा कंपनी ने छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग, बिलासपुर में अपील दायर की। कंपनी की ओर से तर्क दिया गया कि इंश्योरेंस कंपनी ने मरम्मत के लिए 12 लाख रुपये डीलर को दिए थे, एअर बैग को लेकर कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट नहीं ली गई और दुर्घटना के समय वाहन स्वामी स्वयं मौजूद नहीं थे। वहीं सुमित अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता नूतनसिंह ठाकुर ने मजबूती से पक्ष रखा।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद राज्य उपभोक्ता आयोग ने टोयोटा कंपनी के तर्कों को खारिज कर दिया। आयोग ने सर्वेयर रिपोर्ट, वाहन को हुई क्षति और पीड़ित की गंभीर चोटों के आधार पर स्पष्ट रूप से माना कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद एअर बैग का न खुलना इनोवा कार में विनिर्माण दोष को दर्शाता है। आयोग ने कहा कि उपभोक्ता अपनी सुरक्षा के लिए महंगी कार खरीदता है, लेकिन आवश्यकता के समय यदि सुरक्षा उपकरण काम न करें तो यह सेवा में गंभीर कमी है।
राज्य आयोग ने 28 नवंबर 2025 को दिए अपने फैसले में निर्देश दिया कि टोयोटा कंपनी 30 दिनों के भीतर सुमित अग्रवाल को नया इनोवा वाहन या उसकी कीमत 23.83 लाख रुपये के साथ इलाज में खर्च हुई पूरी राशि 36.53 लाख रुपये का भुगतान करे। इसके अलावा शारीरिक और मानसिक पीड़ा के लिए 1 लाख रुपये तथा वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपये अलग से देने का भी आदेश दिया गया है।




