
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में “माय होम इंडिया” द्वारा आयोजित 8वें नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स फेस्टिवल (NES.t Fest 2025) का आयोजन एक भव्य और ऐतिहासिक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में सम्पन्न हुआ। “संस्कृति से जलवायु तक: युवा जनादेश” थीम पर आधारित यह दो दिवसीय महोत्सव (3 और 4 अक्टूबर 2025) उत्तर-पूर्व भारत की समृद्ध परंपराओं, संगीत, नृत्य और विविध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत संगम बना।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में भाजपा छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को समाज और राष्ट्र निर्माण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए विशेष सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान मिजोरम के राज्यपाल एवं पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील देवधर के करकमलों से प्रदान किया गया। समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आए केंद्रीय मंत्री, जनप्रतिनिधि, उद्योगपति, समाजसेवी, शिक्षाविद और मीडिया जगत के प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।
सम्मान प्राप्त करने के बाद प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा
“यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी कार्यकर्ताओं और जनजातीय भाइयों-बहनों का है जो घर वापसी के इस पवित्र अभियान में मेरे साथ हैं। यह पुरस्कार जनजातीय समाज की अपनी जड़ों की ओर लौटने की आस्था का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तर-पूर्व आज नई ऊर्जा, विश्वास और विकास का प्रतीक बन चुका है। यह सम्मान मुझे राष्ट्र, धर्म और समाज की सेवा के लिए और अधिक समर्पण के साथ कार्य करने की प्रेरणा देता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर-पूर्व के आठ राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम — को “अष्ट लक्ष्मी” कहा है, जो देश की सांस्कृतिक और आर्थिक विविधता का प्रतीक हैं। इन राज्यों की समृद्ध परंपराएं और विकास की दिशा में उनके योगदान को “अष्टलक्ष्मी महोत्सव” जैसे आयोजनों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है।
“माय होम इंडिया” संस्था का यह 8वां सम्मेलन रहा, जिसने उत्तर-पूर्व के युवाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा और सांस्कृतिक एकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इस अवसर पर देशभर से आए उत्तर-पूर्व के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की एकता में विविधता के संदेश को सजीव रूप में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का समापन तालकटोरा स्टेडियम में देशभक्ति के गीतों और उत्तर-पूर्व की पारंपरिक धुनों के साथ हुआ, जिसने उपस्थित दर्शकों को भावविभोर कर दिया।