
बलरामपुर। जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र में इंसान और हाथियों के बीच संघर्ष का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को महेवा सर्किल के अंतर्गत मढ़ना बीट में चरवाहा सोहन सिंह की हाथी के हमले में मौत हो गई। ग्राम पंचायत मदनपुर निवासी सोहन सिंह अपने मवेशियों को चराने जंगल गया था, तभी उसका सामना अचानक दो घूम रहे जंगली हाथियों से हो गया। ग्रामीणों के अनुसार, हाथी ने सोहन सिंह को सूंढ़ से उठाकर जोर से जमीन पर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के दौरान सोहन सिंह के साथ मौजूद अन्य चरवाहों ने किसी तरह जान बचाकर भागने में सफलता पाई और तत्काल इसकी सूचना गांव व वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर वाड्रफनगर सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित किया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपने की तैयारी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से दो हाथी गुरमुटी, मदनपुर, मढ़ना, पेंडारी और कोटराही के जंगलों में घूम रहे हैं। यह पूरा इलाका पहले से ही हाथी प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने हाथियों की मौजूदगी की जानकारी समय पर नहीं दी, जिसके कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ। लोगों का कहना है कि अगर बाकी चरवाहे समय पर नहीं भागते, तो और भी जानें जा सकती थीं।
वाड्रफनगर रेंजर रामनारायण राम ने बताया कि विभाग लगातार सोशल मीडिया और मुनादी के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाथी विचरण वाले गांवों में लोगों को जंगल की ओर न जाने और रात में बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।
इस बीच, वन विभाग ने मृतक के परिजनों को तात्कालिक राहत राशि प्रदान की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष मुआवजा राशि भी दी जाएगी। चरवाहे की मौत से गांव में शोक का माहौल है, वहीं ग्रामीणों में हाथियों की दहशत बनी हुई है।