जोगी के क्षेत्र में ब्लड बैंक बदहाल…

बिलासपुर 

पेंड्रा से”रामेश्वर तिवारी”
आदिवासी बाहुल्य पेंड्रा गौरेला मरवाही इलाके में ब्लड बैंक नहीं होने के कारण लोगों को बिलासपुर तक का सफर तय करना पड़ता है कुछ दिनों पूर्व अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना तो कि गई लेकिन वर्तमान में लोगों को इस ब्लक बैंक की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है
बिलासपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य पेंड्रा गौरेला मरवाही विकासखंड इस इलाके की स्वास्थ्य सुविधाओं को देखा जाए तो सबसे बदहाल होने का अहसास हेा जाता है। दरअसल इस इलाके में तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एक सेनेटोरियम अस्पताल के अलावा 6 प्राथमिक और 9 उपस्वास्थ्य केन्द्र हैं जिनमें करीब दो दर्जन डाॅक्टरों की नियुक्ति तो है। वहीं सेनेटोरियम अस्पताल को दो साल पहले फस्र्ट रिफरल यूनिट यानि एफआरयू के रूप में मान्यता दी गयी, बड़ी दुर्घटना और बड़ी बीमारियों के अलावा जटिल परिस्थितियों में मरीजों को यहां से 100 किलोमीटर दूर बिलासपुर रिफर करने के अलावा कोई चारा नहीं होता। मसलन सबसे दिक्कत यहां ब्लड बैंक नहीं होने के कारण होती है और चूंकि यहां कोई भी ब्लड बैंक नहीं होता लिहाजा ब्लड की जरूरत होने पर डाॅक्टर भी मरीजों को बिलासपुर रिफर कर देते हैं
आदिवासी इलाके मे ब्लड बैंक की कमी हर किसी को खलती तो जरूर है पर लोगों की इस जरूरत को सरकार और स्वास्थ्य विभाग नहीं समझ पा रहा है। खून का अभाव जानलेवा बना हुआ है और सरकार है कि इस ओर ध्यान ही नहीं देना चाहती जबकि लोग इसे स्वास्थ्य मंत्री और उनके मंत्रालय की असंवेदनषीलता बतला रहे हैं।
वहीं बीएमओं के द्वारा बतलाया गया कि ब्लैक डोनेषन कैंप का आयोजन नहीं होने के कारण अभी ब्लड अस्पताल मे उपलब्ध नहीं लेकिन यदि किसी को आपातकालीन में आवष्यकता पडती है तो 102 या 108 से बिलासपुर भेज कर व्यवस्था की जायेगी।